Amitabh Bachchan Birthday: फिल्मों में लार्जर दैन लाइफ का किरदार निभाने वाले अमिताभ बच्चन की जिंदगी उतार-चढ़ाव और विवादों से भी घिरी रही है। एक समय में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खास मित्र माने जाने वाले अमिताभ और गांधी परिवार के बीच रिश्ता काफी पहले ही खत्म हो गया है।

अमिताभ बच्चन की जिंदगी का सबसे विवादित हिस्सा भी शायद राजनीति ही रही है। अमिताभ को राजीव गांधी राजनीति में लेकर आए थे। बिग बी इलाहाबाद से सांसद भी चुने गए और उसके बाद राजनीति से उन्होंने संन्यास ही ले लिया। अमिताभ बच्चन की मां तेजी बच्चन को सोनिया गांधी, मां को दर्जा देती थीं। राहुल-प्रियंका भी अमिताभ को मामू कहते थे, फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों परिवारों के बीच अचानक से रिश्ते खत्म हो गए।

दोस्ती की शुरुआत- बच्चन और नेहरू-गांधी परिवारों के बीच दोस्ती पंडित नेहरू के समय से ही थी। इसके बाद इंदिरा गांधी और तेजी बच्चन के बीच दोस्ती रही। वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई अपनी किताब ‘नेता अभिनेता : बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखते हैं कि इंदिरा गांधी ने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड में स्थापित करने में मदद की थी। रेशमा और शेरा में इंदिरा ने सुनील दत्त से कहकर अमिताभ को काम दिलवाया था।

पहली दरार- दोनों परिवारों के बीच दोस्ती की बीच पहली दरार इमरजेंसी के समय देखने को मिली। किदवई लिखते हैं इमरजेंसी के दौरान अमिताभ ने कांग्रेस को सपोर्ट किया था, जिसके बाद जब जनता पार्टी सत्ता में आई तो निशाने पर बच्चन आ गए। जिसके बाद ये परिवार नेहरू परिवार से दूर होने लगा। संजय और इंदिरा को नकारने लगा।

सांसद बने बिग बी- स्क्रॉल के अनुसार वरुण गांधी ने दोनों परिवारों पर बात करते हुए कहा था कि ये दूरियां तब कम होने लगी, जब राजीव गांधी राजनीति में आए। कुली शुटिंग के दौरान घायल हुए अमिताभ जब अस्पताल में थे, तब ये दोनों परिवार एक दूसरे के धीरे-धीरे नजदीक आ गए। इसके बाद जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो राजीव ने अमिताभ को राजनीति के मैदान में उतार दिया। अमिताभ को राजीव ने इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव में खड़ा भी कर दिया और बिग बी वहां से आसानी से जीत भी गए।

बोफोर्स कांड- राजीव प्रधानमंत्री बने और बोफोर्स कांड हो गया। राजीव के साथ-साथ विपक्ष ने अमिताभ को भी निशाने पर ले लिया और उन्हें ‘बोफोर्स का दलाल’ कहा जाने लगा। राजीव-सोनिया के न चाहने पर भी अमिताभ ने राजनीति से संन्यास ले लिया। परिवार में दूरियां तब और बढ़ गई जब राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। राजीव की मौत के बाद अकेली पड़ चुकी सोनिया गांधी को बच्चन परिवार से कोई सहारा नहीं मिला। यहीं से सोनिया भी बच्चन परिवार से दूर होती गईं।

रिश्ता खत्म!- किदवई लिखते हैं कि बिग बी की कंपनी के कर्जों में डूबने पर भी गांधी परिवार ने मदद नहीं की। सोनिया को राजनीति में भी रोकने की कोशिश अमिताभ ने की थी। अमिताभ भले ही राजनीति से संन्यास ले चुके थे, लेकिन बाद में उनकी पत्नी जया बच्चन ने अमर सिंह के सहारे राजनीति में कदम रख दिया। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस पर कई तीखे हमले किए। जिससे रिश्ते में और दूरियां आ गई। धीरे-धीरे दोनों परिवारों के बीच ये रिश्ता अब लगभग खत्म ही हो गया है।