भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच वामपंथी विचारकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में शुक्रवार (28 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के महीने भर पुराने ट्वीट पर पलटवार किया है। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के नक्सल कनेक्शन को लेकर पिछले महीने वामपंथी विचारकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस पर राहुल गांधी ने हैश टैग में भीमा कोरेगांव लिखते हुए ट्वीट किया था, ”भारत में एक एनजीओ के लिए जगह है और उसे आरएसएस कहते हैं। बाकी सभी एनजीओ को बंद कर दो। सभी एक्टिविस्ट्स को जेल में डाल दो और जो शिकायत करें उन्हें गोली मार दो। न्यू इंडिया में स्वागत है।” राहुल के इस ट्वीट के पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने लिखा, ”मूर्खता के लिए केवल एक ही जगह है और वह कांग्रेस है। भारत के टुकड़े-टुकड़े गैंग, माओवादियों, फर्जी एक्टिविस्ट्स और भ्रष्ट तत्वों का समर्थन करो। जो ईमानदार और काम कर रहे हैं, उन सभी को बदनाम करो। राहुल गांधी की कांग्रेस में आपका स्वागत है।”

बता दें कि शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने 2-1 के बहुमत से महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी में दखल देने से इंकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने पुणे पुलिस को जांच आगे बढ़ाने की इजाजत देते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने से इंकार कर दिया।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की तरफ से भी बहुमत के फैसले को पढ़ा और पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की घर में नजरबंदी को चार हफ्तों के लिए बढ़ा दिया। शाह के द्वारा राहुल गांधी को इस तरह जवाब दिए जाने पर ट्विटर यूजर्स के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।