केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) पर सरकार के संकल्प को दोहराते हुए मंगलवार को कहा कि देश से ‘किसी शरणार्थी को जाने नहीं देंगे और घुसपैठिए रहने नहीं देंगे।’ शाह ने एनआरसी पर भाजपा की एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘बहुत जरूरी’ है और इसे लागू किया जाएगा लेकिन उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि इससे पहले सभी हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस एनआरसी के बारे में लोगों को गुमराह कर रही हैं।

शाह के बयान पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री साफतौर पर कह रहे हैं कि सिर्फ गैर दस्तावेजी मुस्लिमों को एनआरसी से डरने की जरुरत है जबकि अन्य लोगों को भारतीय नागरिकता मिलेगी। ओवैसी ने कहा, ‘अमित शाह मैं जानता हूं कि आपको इससे इलर्जी से है मगर सिर्फ एक बार संविधान को पढ़ने की कोशिश करिए। धर्म आधारित नागरिकता गैर कानूनी है।’

कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी भाजपा अध्यक्ष के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘दुनिया में पचास से ज्यादा मुस्लिम बहुल देश हैं। भारतीय और विशेष रूप से हिंदू वहां रहते और कमाते हैं। वहां किसी भी हिंदू को देश छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है। मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक बयान देकर आप महान भारत को बदमान कर रहे हैं। शर्म आनी चाहिए।’

उल्लेखनीय है कि बंगाल में ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ‘एनआरसी के मुद्दे पर बंगाल के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। मैं भाजपा के रूख पर सभी संशयों को स्पष्ट करने के लिए आज यहां हूं।… ममता दी कह रही हैं कि लाखों हिंदुओं को पश्चिम बंगाल छोड़ना होगा। इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, ‘मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनआरसी लागू किया जाएगा लेकिन इस तरह का कुछ भी नहीं होने जा रहा है। मैं सभी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्थियों को आश्वस्त करता हूं कि उन्हें देश छोड़ना नहीं पड़ेगा, उन्हें भारतीय नागरिकता मिलेगी और उन्हें एक भारतीय नागरिक के सभी अधिकार मिलेंगे।’ (भाषा इनपुट)