लाल किले पर हुए स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सीट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। वह ओलंपिक खिलाड़ियों के पीछे पांचवी पंक्ति में बैठे नजर आ रहे थे। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्रालय पर निशाना साधा और कहा है कि विपक्ष के नेता को इस तरह जानबूझ कर पीछे बैठाया गया, यह देश का अपमान है। कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पीएम की आलोचना की और कहा कि जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी को आखिरी पंक्तियों में धकेला, उससे पता चलता है कि आपने अपना सबक नहीं सीखा है।

‘अमित शाह और निर्मला सीतारमण कैसे राहुल गांधी से आगे बैठ सकते हैं’

सूत्रों के मुताबिक यह विवाद सामने आने के बाद रक्षा मंत्रालय की से एक स्पष्टीकरण दिया गया था। जिसमें कहा गया कि सभी व्यवस्थाएं प्रोटोकॉल के अनुसार की गईं थीं और इस साल यह निर्णय लिया गया था कि पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा। इसलिए राहुल गांधी की सीट पांचवी पंक्ति में थी और खिलाड़ी आगे बैठे थे।

इसका जवाब देते हुए के सी वेणुगोपाल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को लेकर बेहद कमजोर स्पष्टीकरण दिया है कि नेता प्रतिपक्ष को ओलंपिक खिलाड़ियों के सम्मान की वजह से पीछे बैठाया गया था। जबकि अमित शाह, निर्मला सीतारमण जैसे कैबिनेट मंत्री उनसे आगे की पंक्ति में बैठे थे।

कांग्रेस महासचिव ने कहा, “प्रोटोकॉल के मुताबिक दोनों सदनों के विपक्ष के नेता भी पहली पंक्ति में बैठने चाहिए। लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सीटें पांचवीं पंक्ति में थीं। यह न केवल विपक्ष के नेता या राहुल जी के पद का अपमान था बल्कि यह भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।”

‘छोटी सोच वाले लोग हैं’

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘छोटी मानसिकता’ वाले व्यक्ति हैं और वे खुद इसका सबूत देते रहते हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘छोटी सोच वाले लोगों से बड़ी उम्मीद करना बेकार है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाकर नरेंद्र मोदी ने निश्चित रूप से अपनी हताशा दिखाई है, लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता और वे लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे, जैसा कि वे करते आए हैं।’