गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर से जुड़े दो बिल पेश किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की वजह से दो ब्लंडर्स को सहा है। पहला सीज फायर की घोषणा करना और दूसरा कश्मीर के विषय को यूएन ले जाना। अमित शाह के इसी बयान के बाद बुधवार को लोकसभा में हंगामा हो गया। अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष के नेता उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बाद विपक्षी सांसदों ने अमित शाह के बयान के विरोध में सदन से वॉक आउट कर दिया।
अमित शाह ने सदन में कहा, “दो बड़ी गलतियां जो पंडित नेहरू के प्रधानमंत्री काल में हुईं, उनके लिए गए फैसलों से हुई, इसके कारण सालों तक कश्मीर को सहन करना पड़ा। एक- जब हमारी सेना जीत रही थी, पंजाब का एरिया आते ही सीजफायर कर दिया गया और PoK का जन्म हुआ। अगर सीजफायर तीन दिन लेट होता है तो PoK भारत का हिस्सा होता।” दूसरा विषय बताते हुए उन्होंने आगे कहा, “एक पूरा कश्मीर जीते बगैर सीजफायर कर लिया और दूसरा यूएन के अंदर हमारे मसले को ले जाने की बहुत बड़ी गलती की।”
JK आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और JK पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 में क्या खास?
- परिसीमन की सिफारिश के आधार पर तीन सीटों की व्यवस्था की है।
- JK विधानसभा में दो सीट कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए और एक सीट PoK से विस्थापित हुए लोगों के लिए है।
- JK विधानसभा में नौ सीट ST के लिए आरक्षित की गई हैं।
- PoK लिए 24 सीटें आरक्षित की गई हैं।

— Press Trust of India (@PTI_News)