Amit Shah On Nehru: गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर एक जोरदार भाषण दिया है। उनकी तरफ से एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर बड़ा हमला किया गया है। उन्होंने जोर देकर बोला है कि अगर पाक अधिकृत कश्मीर का आज अस्तित्व दिखाई देता है तो उसका एक बड़ा कारण खुद नेहरू ही हैं।
लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं इसी देश के इतिहास की कुछ घटनाएं आज आपको बताना चाहता हूं। 1948 को याद कर लीजिए, कश्मीर में हमारी सेना के पास निर्णायक बढ़त हो चुकी थी, लेकिन नेहरू ने सरदार पटेल की एक नहीं सुनी और युद्ध विराम कर दिया। मैं एक इतिहास का छात्र हूं, पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि पीओके का अगर आज कोई भी अस्तित्व दिखाई दे रहा है तो वो नेहरू के कारण ही है। सरदार वल्लभभाई पटेल तो इसका विरोध करते रहे, गाड़ी लेकर गए थे, आकाशवाणी तक गए थे, लेकिन वहां दरवाजे ही बंद कर दिए गए और फिर युद्ध विराम का ऐलान हो गया।
इसके बाद शाह ने कहा कि 1960 में सिंधु जल पर भी भारत काफी मजबूत था, लेकिन एक ऐसा समझौता किया गया कि 80 फीसदी भारत का पानी पाकिस्तान के पास चला गया। इसके बाद 1965 में हमने हाजीपीर जैसी रणनीतिक जगह पर अपना कब्जा जमा लिया था, लेकिन 1966 में इसे भी वापस लौटा दिया गया।
PAK के पास शरण में आने के सिवाए कोई विकल्प नहीं था
गृहमंत्री ने आगे कहा कि 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए, भारत की बहुत बड़ी जीत हुई, हम सदियों तक इस पर गर्व भी करेंगे, लेकिन असल में हुआ क्या, 93000 युद्ध बंदी हमारे पास थे, 15000 किलो वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पाकिस्तान का हमारे कब्जे में था। लेकिन शिमला समझौता हुआ और पीओके का मामला ही पूरी तरह उलट गया।
अमित शाह ने इसके बाद 1962 के युद्ध का भी जिक्र किया, उन्होंने दो टूक कहा कि हमारे पास 38000 वर्ग किलोमीटर अक्साई चीन का हिस्सा था, वो हमारे देश का हिस्सा था, लेकिन वो भी चीन को दे दिया गया।
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