सीबीआइ की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आरोप मुक्त किए जाने के विशेष अदालत के फैसले को ‘आश्चर्यजनक और चिंताजनक’ बताते हुए आरोप लगाया कि जांच एजंसी सरकार के दबाव में है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा-‘कई सवाल हैं जिसका जवाब दिया जाना है। गंभीर सवाल हैं, महत्त्वपूर्ण है मजिस्ट्रेट के समक्ष 164 (सीआरपीसी) के तहत बयान। मुंबई की अदालत में 15 मिनट की दलील में सीबीआइ के वकील ने इनमें से किसी का भी जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि सीबीआइ को कई संगीन सवालों के जवाब देने होंगे। केंद्र के लिए भी गंभीर सवाल हैं जो ऐसा लगता है कि एक बार फिर पिंजरे में बंद तोते का मालिक बन गया है।
ट्विटर पर सिंघवी ने सवाल किया कि आखिर सीबीआइ के वकील ने सिर्फ 15 मिनट ही दलील क्यों दी, जबकि बचाव पक्ष के वकील ने शाह के पक्ष में तीन दिनों तक बहस की। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जांच एजंसी ने इस मामले में विशेष सरकारी वकील की सेवाएं क्यों नहीं लीं।
पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता अजय कुमार ने याद दिलाया कि पहले का एक न्यायिक आदेश था कि शाह को गुजरात से दूर रखा जाना चाहिए क्योंकि वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा-‘अचानक आप यह पाते हैं कि पूर्ण रूप से यू टर्न हो गया। अचानक वे बरी हो गए। इसलिए यह निश्चित रूप से चिंताजनक है।’ उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला यह दिखाता है कि मौजूदा सरकार किस तरह से सीबीआइ का इस्तेमाल करने जा रही है। कुमार ने यह भी याद दिलाया कि यूपीए शासन काल के दौरान भाजपा यह कहा करती थी कि सीबीआइ पिंजरे में बंद तोता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआइ अब जंजीरों में, पिंजरे में और पूरी तरह निष्क्रिय है।
अमित शाह को आरोप मुक्त किए जाने के बाद सीबीआइ को आड़े हाथ लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि एजंसी की ओर से दाखिल आरोपपत्र और अदालत के समक्ष की गई बहस में ‘बहुत बड़ा फर्क’ था। पार्टी ने कहा कि जिस तरह से सीबीआइ ने इस मामले में बहस की वह देश की सबसे बड़ी जांच एजंसी का ‘खुला’ और ‘घोर’ दुरुपयोग है। आप ने कहा कि इतने दिनों से सीबीआइ कह रही थी कि शाह मुख्य आरोपी हैं, पर बाद में इसने अपना रुख बदला और उन्हें मामले में एक आरोपी बना दिया ।
पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने मांग की कि सीबीआइ को विशेष अदालत के आदेश को हाइ कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए। यादव ने कहा-‘यह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा द्वारा सीबीआइ का घोर दुरुपयोग है।’