Section 482 CrPC: अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा सभा में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भारतीय आपराधिक कानूनों में बदलाव करने का ऐलान किया है। इन तीन कानूनों में भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय न्याय संहिता से बदला जाएगा।

केंद्र सरकार ने इसके लिए एक विधेयक पेश किया है। अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए तीन विधेयक पेश किए। इन विधेयकों को पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि ये कानून अंग्रेजों ने बनाए थे। इसलिए हम इसे बदलना चाहते हैं। इसे बदलकर हम नया कानून ला रहे हैं। अमित शाह ने इनके बदले तीन नए कानूनों की घोषणा की है। ये नए तीन कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 हैं।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 1860 से लेकर 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों के बनाए गए कानून के हिसाब से चलती थी। अब इन तीनों कानूनों को बदल दिया जाएगा। इससे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा “आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वे सभी पीएम मोदी के पांच प्रणों में से एक को पूरा करने वाले हैं। इन तीन विधेयकों में इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, इंडियन एविडेंस कोड। इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह ‘भारतीय न्याय संहिता 2023’, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह अब ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ प्रस्थापित होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं बल्कि लोगों को न्याय देना है।

जानिए क्या हुए बदलाव-

भारतीय न्याय संहिता, 2023: अपराधों से संबंधित प्रावधानों को समेकित और संशोधित करने के लिए और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए।

भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023: निष्पक्ष सुनवाई के लिए साक्ष्य के सामान्य नियमों और सिद्धांतों को समेकित करने और प्रदान करने के लिए।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023: दंड प्रक्रिया से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए।