मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को काफी चर्चा देखने को मिल गई। गृह मंत्री अमित शाह ने भी दो घंटे से ज्यादा का भाषण देकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा, सरकार का भी रिपोर्ट कार्ड पेश किया और बीच-बीच में चुटकी लेने का भी काम किया। इसी कड़ी में एक नहीं कई मौकों पर भाषण के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधा। वे इस बात से नाराज नजर आए कि रंजन द्वारा लगातार उन्हें भाषण के दौरान टोका गया।

क्यों बिफरे अमित शाह?

अब क्योंकि लगातार टोका गया, ऐसे में गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्पीकर ओम बिरला से कह दिया कि इन्हें मेरे टाइम में से आधा घंटा दे देना। उनकी तरफ से कहा गया कि अधीर रंजन चौधरी को कांग्रेस ने तो बोलने का मौका दिया नहीं, इनकी पार्टी ने इन्हें कोई टाइम नहीं दिया, लेकिन अब ये बोलना चाहते हैं। लगातार बीच में बोल रहे हैं। आपको बैठ जाना चाहिए, आपको बोलने के लिए किसी ने नहीं कहा। ज्यादा लग रहा है तो स्पीकर मेरे टाइम में से आधा घंटा इन्हें दे दें।

मणिपुर हिंसा पर शाह की सफाई

ये कहने के बाद भी कई मौकों पर अधीर रंजन द्वारा टोका गया, ऐसे में शाह थोड़े खफा नजर आए और बीच में वे बैठ भी गए। वैसे अमित शाह का ये भाषण दो घंटे के करीब का रहा जहां पर उन्होंने सरकार के कामकाज से लेकर मणिपुर पर भी विस्तार से बात की। मणिपुर पर अपने विचार रखते हुए शाह ने कहा कि मणिपुर में जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, उस बारे में बताना चाहता हूं। मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि हिंसा का तांडव मणिपुर में हुआ है। इस हिंसा का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। ये जो घटना हुई वो शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। आप हमे चुप नहीं कर सकते, 130 करोड़ भारतीयों ने हमे चुनकर भेजा है।

सीएम बीरेन के इस्तीफे पर शाह

सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफा की मांग पर शाह ने साफ कर दिया कि इस्तीफा उसका मांगा जाता है जो कॉपरेट नहीं करता। बीरेन सिंह द्वारा शुरुआत से सहयोग दिया गया है, क्यों उनका इस्तीफा मांगा जाए। मणिपुर के वायरल वीडियो भी अमित शाह ने सफाई पेश की। उनकी तरफ से उस घटना पर दुख जाहिर किया, उन्होंने जोर देकर कहा कि ना पक्ष ना विपक्ष, कोई ऐसी घटना का समर्थन नहीं कर सकता। उनकी तरफ से ये सवाल जरूर उठाया गया कि आखिर क्यों उस वीडियो को वायरल किया गया, आखिर क्यों समय रहते वो वीडियो डीजीपी को नहीं दिया गया।

विपक्ष पर चुनावी वार

गृह मंत्री अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान इंडिया गठबंधन पर भी तंज कसा। यूपीए के नाम बदले जाने पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि ये सोचने वाली बात है कि आखिर यूपीए का नाम क्यों बदलना पड़ गया। जब 10 साल तक सरकार चला ली थी, तो आखिर नाम क्यों बदलना पड़ा। असल में यूपीए ने इतने घोटाले कर लिए थे, शायद 12 लाख करोड़ से ज्यादा के किए हैं, मैंने तो गिनना ही छोड़ दिया। ये सच है कि जब कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है, तब छवि बदलने के लिए, साख बचाने के लिए नाम तो बदलना ही पड़ता है।