कोरोनावायरस की वजह से देश में अदालतों की सीधी सुनवाई और याचिकाकर्ताओं-मुजरिमों की सीधी पेशी पर रोक जरूर लग गई है। लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में भी कोर्ट में कुछ ऐसे पल आ जाते हैं, जब गंभीर से गंभीर केस के बीच जज और वकील में हंसी-ठिठोली हो जाती है। ताजा मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक केस की सुनवाई का है। इसमें जस्टिस अरुण मिश्रा और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी शामिल रहे।

दरअसल, हुआ कुछ यूं कि केस लड़ रहे वकील मुकुल रोहतगी जहां बैठे थे, उसके पीछे बैकग्राउंड लाल रंग से ढका था। रोहतगी ने कहा कि वह एक तस्वीर है और फिर उन्होंने स्क्रीन के एक हिस्से पर इशारा करते हुए बताया कि बाहर बारिश हो रही है, जो कि वीडियो में देखी जा सकीत है। रोहतगी ने इस बीच मामले की सुनवाई को स्थगित किए जाने की बात मानते हुए कहा कि वह अब मौसम का मजा लेना चाहेंगे। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बीच में ही टोकते हुए हल्के अंदाज में कहा कि मैं देखना चाहता था कि मौसम का मजा लेने के लिए आपकी (रोहतगी की) टेबल पर क्या है?

इस पर जस्टिस मिश्रा ने तुरंत बात पकड़ते हुए कहा कि कहीं सीनियर एडवोकेट रोहतगी की टेबल पर कुछ ऐसा तो नहीं, जो सॉलिसिटर जनरल अफोर्ड न कर पाएं। हालांकि, इस पर तुषार मेहता ने हंसते हुए कहा, “नहीं, माई लॉर्ड लेकिन मैं दूसरे राज्य गुजरात से आता हूं।”

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर सुनवाई के दौरान जजों के बीच हंसी-ठिठोली का ये कोई पहला किस्सा नहीं था। आमतौर पर माहौल को हल्का करने के लिए जज और वकील ह्यूमर का इस्तेमाल करते रहते हैं। इससे पहले चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने एक मामले की सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी से पूछा था कि क्या वे किसी म्यूजियम में बैठे हैं?, क्योंकि पीछे काफी मूर्तियां और स्टैच्यू दिखाई दे रहे हैं। इस पर रोहतगी ने मजाकिया लहजे में कहा कि वे अपने फॉर्महाउस पर बैठे हैं। अनलॉक के दौरान वे अपने फॉर्म आ गए हैं, ताकि दिन में दो बार स्विमिंग का मजा ले सकें।

बता दें कि सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी गंभीर मामलों में भी अपने सयंमित व्यवहार और मजाकिया अंदाज के लिए जाने जाते हैं। पिछले महीने ही एक मामले पर सुनवाई के दौरान जब देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा के सामने कहा था, “माय लॉर्ड, मेरा क्लाइंट काफी गरीब है।” इस पर जस्टिस मिश्रा को भी हंसी आ गई थी। रोहतगी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि “माय लॉर्ड अब मैं गरीबों के मुकदमे की भी पैरवी करने लगा हूं। अब कानूनी विरादरी बदल गई है। हम गरीबों का केस भी लड़ते हैं।”