प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अहले सुबह लद्दाख पहुंच गए। एलएसी पर जारी भारत-चीन की तनातनी के बीच पीएम का यह दौरा अचानक हुआ है। मोदी ने लद्दाख के नीमू में सेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से बातचीत की। 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जगह पर दुनिया की सबसे कठिन पहाड़ियां हैं। पीएम के साथ इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे मौजूद रहे।
बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को लेह जाने वाले थे। हालांकि, कुछ कारणों से उनके दौरे को कुछ दिन बाद के लिए स्थगति कर दिया गया। बताया गया है कि पीएम को सभी सैनिकों के साथ सीमा की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी गई है।
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi among soldiers after addressing them in Nimmoo, Ladakh. pic.twitter.com/0rC7QraWTU
— ANI (@ANI) July 3, 2020
गलवान घाटी झड़प के 18 दिन बाद हुआ पीएम का दौरा: गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पिछले दो महीने से लद्दाख से सटी सीमा पर तनातनी जारी है। इस बीच 15-16 जून की दरमियानी रात को दोनों देशों के सैनिकों के बीच एलएसी पार करने को लेकर खूनी झड़प हो गई थी। इसमें भारत के 20 सैनिकों की जान गई थी, जबकि 50 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। इसके बाद पीएम ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन हर उकसावे का जवाब दिया जाएगा।
LAC पर शुरू हुई सैनिकों को कम करने की प्रक्रिया: भारत और चीन दोनों ने ही सैन्य स्तर की वार्ता के बाद सैनिकों को कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। खासकर एलएसी के पास चार अलग-अलग पॉइंट्स पर। पिछले एक महीने में ही भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की तीन बैठकें हो चुकी हैं। इन तीनों में ही सीमा पर से सैनिकों को कम करने की बात कही गई। लेकिन जहां पहली दो मीटिंग के बाद जवानों की संख्या कम होती नहीं दिखी, वहीं तीसरी मीटिंग के बाद एलएसी पर तनातनी कम होने के संकेत मिले हैं।
सैन्य स्तर पर बातचीत का स्तर इस वक्त इतना धीमा है कि विशेषज्ञों का मानना है कि सीमा से टुकड़ियों के पूरी तरह हटने में सर्दी तक का समय लग सकता है। इस बीच भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत आज लेह दौरे पर जाएंगे। उन्हें पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में 14 कोर के अफसरों से जानकारी दी जाएगी।
अब तक की रिपोर्ट्स और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से दावा किया गया है कि चीनी सेना ने पैंगोग सो लेक के किनारे स्थित फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक के इलाके में निर्माण कार्य शुरू कर दिए हैं। भारत की तरफ से लगातार चीन के कार्यों को रोके जाने के बाद यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछला है, जहां चीनी सैनिक इस जगह से हटने के लिए तैयार नहीं, वहीं भारत ने भी इस जगह पर पूरा सैन्य साजो-सामान इकट्ठा कर लिया है और वह चीन के साथ लंबे आमने-सामने के लिए तैयार है। भारत की मांग है कि चीन एलएसी पर अप्रैल वाली स्थिति को दोबारा स्थापित करे।