भारत में कोरोवायरस की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होता दिख रहा है। हालांकि, पिछले एक महीने में महामारी के चलते हर दिन लाखों केस मिले, जबकि हर दिन करीब 4 हजार मौतें भी हुईं। इस दौरान मरीजों की अचानक से बढ़ी संख्या के बीच केंद्र के साथ-साथ ज्यादातर राज्य सरकारें असहाय दिखाई दीं। मुश्किल समय में भाजपा के नेताओं के जमीन से गायब रहने पर लोगों में उनके प्रति गुस्सा भी भड़का है। अब खुद पार्टी को भी इसका अंदाजा हो चुका है। ऐसे में भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने नेताओं से कहा है कि वे ज्यादा सहानुभूति और संवेदना के साथ लोगों की मदद को उतरें।
सूत्रों का कहना है कि नेताओं को अपनी सामाजिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए कहा गया है। उन्हें लोगों को दवाओं की डिलीवरी, हॉस्पिटल बेड्स सुनिश्चित कराने, स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निगरानी रखने और सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट्स के लगाए जाने जैसे कामों में आगे रहकर शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि भाजपा की ओर से यह कदम तब उठाए जा रहे हैं, जब कोरोना तेजी से ग्रामीण इलाकों में फैलता जा रहा है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने माना कि सरकार और पार्टी के खिलाफ एक नकारात्मक नैरेटिव बनाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हम इससे निपटने के लिए तभी काम कर सकते हैं, जब चीजें सामान्य हो जाएं। यह समय है जब कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और करीबियों को खोया है। यह समय है जब हम उनके दर्ज को साझा करें और उनकी परेशानियों को खत्म कर के उनके साथ खड़े रहें। पार्टी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं से बी कहा गया है कि वे लोगों के प्रति संवेदनशील रहें।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों को राहत और पुनर्वास मुहैया कराना पार्टी की योजना का अगला हिस्सा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी शनिवार को अपने शासन वाले राज्यों से कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों के लिए योजनाएं और कार्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया। साथ ही इन्हें मोदी सरकार की 7वीं वर्षगांठ यानी 30 मई से पहले लॉन्च करने की बात कही।
भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी में नड्डा ने यह भी कहा कि एनडीए सरकार की वर्षगांठ पर कोई कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। बल्कि इस दौरान लोगों का आभार जताने के लिए अलग-अलग कल्याणकारी योजनाएं लॉन्च की जाएंगी।
इतना ही नहीं लोगों का भरोसा वापस हासिल करने के लिए भाजपा सांसदों और विधायकों को अस्पतालों के दौरा करने और अपने क्षेत्र में जहां किसी कोरोना संक्रमित की मौत हुई हो, ऐसे पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए भी कहा गया है। साथ ही उन्हें जरूरत के मुताबिक, तत्काल मदद मुहैया कराने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा सांसदों-विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापना की निगरानी करने और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को बेड न मिलने की समस्या को निपटाने के लिए भी कहा गया है।
बता दें कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले महीने ही ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम के तहत वर्चुअल बैठकें की थीं। उनकी इन बैठकों में नेताओं के लिए यही संदेश शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, नड्डा ने पिछले कुछ दिनों में 316 सांसदों और अन्य राज्यों में कई पदाधिकारियों से बात की है। पार्टी नेताओं ने देशभर में 3 हजार से ज्यादा हेल्पलाइन भी स्थापित की हैं और 1200 ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं। पार्टी के एक नेता ने बताया कि फिलहाल पार्टी के छह लाख कार्यकर्ता कोरोना से जुड़े सामाजिक कार्यों में लगे हैं।