वैश्विक स्तर पर जिस तरह से कैंसर पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है, वह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अब एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि 2050 तक पुरुषों में होने वाले कैंसर के मामले 84.3 फीसदी तक बढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं, कैंसर की वजह से पुरुषों की मौत के मामलों में भी अगले 26 वर्षों में 93.2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। यह अध्ययन अमेरिकन कैंसर सोसाइटी से जुड़े जर्नल कैंसर में प्रकाशित हुआ है।

2022 में 1.03 करोड़ पुरुष कैंसर से पीड़ित थे

इसके मुताबिक, दुनियाभर में पुरुषों में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं और 2050 तक कैंसर से पीड़ित पुरुषों का आंकड़ा 1.9 करोड़ तक पहुंच जाएगा। अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि वर्ष 2022 में 1.03 करोड़ पुरुष कैंसर से पीड़ित थे, जिनमें से 54.3 लाख पुरुषों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अंदेशा जताया जा रहा है कि 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 1.05 करोड़ तक पहुंच सकता है। वर्ष 2022 में कैंसर के करीब दो तिहाई मामले और मौतें बुजुर्गों (65 वर्ष और उससे अधिक आयु) में सामने आए थे।

185 देशों के 30 तरह के कैंसर और मौतों का किया एलालिसिस

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पुरुषों में होने वाले 30 प्रकार के कैंसर और उनसे जुड़ी मौतों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों और विभिन्न आयु वर्ग के पुरुषों में कैंसर के स्तर का आकलन करने के लिए शोधकर्ताओं ने ग्लोबल कैंसर आब्जर्वेटरी से जुड़े आंकड़ों की मदद ली है और 185 देशों के आंकड़े लेकर अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने अलग-अलग उम्र के पुरुषों में 2050 तक सामने आने वाले कैंसर के मामलों और मौतों का अनुमान लगाया है।

इस विश्लेषण के नतीजे दर्शाते हैं कि वैश्विक स्तर पर आयु और देशों की आर्थिक स्थिति के आधार पर कैंसर के मामलों और उनसे होने वाली मौतों में काफी असमानताएं हैं। आने वाले दिनों में ये असमानताएं और बढ़ सकती हैं। अध्ययन के मुताबिक, पुरुषों में कैंसर और उससे संबंधित मृत्यु दर महिलाओं की तुलना में अधिक है।

शोधकर्ताओं ने इसके लिए कई कारकों को जिम्मेवार माना है, जिनमें कैंसर की रोकथाम गतिविधियों में पुरुषों की कम भागीदारी और जांच व उपचार पर ध्यान नहीं देना शामिल है। इसके साथ ही धूम्रपान और शराब का सेवन भी पुरुषों में कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं का मानना है कि जिस तरह से पुरुष अपने काम-धंधों के दौरान कैंसर पैदा करने वाले हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आते हैं, वह भी बढ़ते मामलों की एक वजह हो सकती है।

इसी तरह महिलाओं और पुरुषों में मौजूद जैविक अंतर भी पुरुषों में कहीं ज्यादा मामले सामने आने का एक कारण हो सकता है। जो देश शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक तौर पर संघर्ष कर रहे हैं, उनमें कैंसर के मामलों की स्थिति कहीं ज्यादा गंभीर है। अध्ययन में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि वर्ष 2022 में 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के 34.4 लाख वृद्ध पुरुषों की मृत्यु कैंसर से हुई थी। अंदेशा है कि यह आंकड़ा 2050 तक 125 फीसदी बढ़कर 77.3 लाख पर पहुंच जाएगा। इसी तरह 2022 में इस आयु वर्ग के लोगों में कैंसर के 60.5 लाख मामले सामने आए थे, जो 2050 तक बढ़कर दोगुने हो सकते हैं।