अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के यूक्रेन दौरे के ठीक एक दिन बाद पेंटागन ने यूक्रेन के लिए 60 करोड़ डॉलर के नए सहायता पैकेज की घोषणा की। विदेश मंत्री ने यात्रा के दौरान नई सैन्य व मानवीय सहायता के लिए एक अरब डॉलर देने का वादा भी किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि नया पैकेज यूक्रेन सुरक्षा सहायता पहल के माध्यम से दिया जाएगा। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से बाइडन प्रशासन लगातार जेलेंस्की के देश को सहयोग दे रहा है। इसके बीच इतनी बड़ी सहायता राशि की घोषणा की गई है। ब्लिंकन ने बुधवार को कीव की यात्रा के दौरान घोषणा की थी कि पेंटागन उन हथियारों के लिए लगभग 17.5 करोड़ डॉलर प्रदान करेगा जिन्हें पेंटागन के भंडार से दिया जाएगा। इसके साथ ही यूक्रेन को हथियार एवं उपकरण खरीदने के लिए अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर का अनुदान दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री ने इसके अलावा घोषणा की कि अमेरिका यूक्रेन को गैर हथियार संबंधित सहायता के लिए लगभग 80.5 करोड़ डॉलर देगा।
ब्रिक्स के बाद G20 सम्मिट से भी पुतिन ने किया किनारा
रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन की सेना और लोग जाबांजी से अपने हाथ दिखा रहे हैं। लड़ाई को साल भर से ऊपर हो गया है लेकिन रूसी सेना को अभी तक निर्णायक सफलता नहीं मिल सकी है। दूसरी तरफ रूस के अपने हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपना देश छोड़कर भी नहीं निकल पा रहे हैं। ब्रिक्स के बाद G20 सम्मिट से भी उन्होंने किनारा कर लिया, क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने उनके गिरफ्तारी वारंट निकाल रखे हैं। पुतिन इसी के मद्देनजर अपने पैलेस में कैद होने के विवश हैं।
रूस के खिलाफ अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश उठ खड़े हुए हैं। उसके पास ले देकर चीन का ही सहारा है। चीन इस लड़ाई में मजबूती से रूस के पीछे खड़ा है। हालांकि भारत भी रूस का विरोध नहीं कर रहा है। रूस से कारोबार के मामले में भारत ने अङी तक अपने हाथ पीछे नहीं खींचे हैं। तेल की खरीद लगातार रूस से की जा रही है।