अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो भारत दौरे पर आए। इस दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच कई अहम समझौते हुए। भारत और अमेरिका के बीच हुए BECA (Basic Exchangeand Cooperation Agreement) समझौते को सबसे अहम माना जा रहा है। चीन के साथ जारी तनाव के बीच यह समझौता बेहद अहम है। Basic Exchange and Cooperation Agreement पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत को अमेरिका की उच्च तकनीक का फायदा मिलेगा और जमीन पर भू-स्थानिक जानकारी मिलेगी। इसका मतलब ये है कि अमेरिका भारतीय सेना को किसी जगह के भूगोल के बारे में जानकारी शेयर करेगा। जिससे युद्ध और किसी आपदा के समय में काफी फायदा मिलेगा। इससे किसी हमले या बचाव कार्य के दौरान एक्यूरेसी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ट्रंप के रहे हैं करीबी: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने रेक्स टिलरसन को हटाकर माइक पोम्पोए को नया अमेरिकी विदेश मंत्री बनाने का एलान किया था। अब तक माइक पोम्पोए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक का पद संभाल रहे थे। वह ट्रंप को खुफिया मुद्दों पर बराबर जानकारी देते रहे हैं और वह ट्रंप के बेहद करीबी लोगों में हैं और उत्तर कोरिया के मुद्दे पर काफी आक्रामक माने जाते हैं।
पोम्पोए अमेरिकी लोगों के बारे जानकारी जमा करने के भी समर्थक रहे हैं। 2016 में छपे अपने एक लेख में उन्होंने घरेलू टेलिफोन डाटा के साथ साथ लोगों की वित्तीय और लाइफस्टाइल से जुड़ी जानकारी का ऐसे विशाल डाटाबेस बनाने की बात कही जिसमें किसी की भी जानकारी तलाशी जा सके।
माइक पोंपियो पर लगे आरोप: माइक पोंपियो पर आरोप लगे थें कि सरकारी खर्चे पर वो अपनी पत्नी को लेकर विदेश टूर पर गए थे। पिछले साल माइक पोंपियो की पत्नी सुशान पोंपियो मीडिल ईस्ट के दौरे पर गई थीं। आरोप था कि यात्रा का खर्च टैक्स पेयर्स के पैसों से वहन किया गया था। उस दौरान कई सरकारी कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया था।
उस वक्त स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से कहा गया था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्दनेजर एक अहम दौरा था। उस वक्त माइक पोंपियो ने दावा किया था कि नैतिक रूप से उनका यह दौरा सही था। हालांकि अब माइक पोंपियो औऱ उनकी पत्नी के उस दौरे की बड़े पैमाने पर जांच की जा रही है।
माइक पोंपियो पर यह भी आरोप लगे कि उन्होंने फेडरल कर्मचारियों का इस्तेमाल अपने निजी काम में भी किया। मसलन – कुत्ते घूमाना औऱ कपड़े ड्राई क्लीन कराना। सरकारी कर्मचारियों का निजी स्टाफ के तौर पर इस्तेमाल करने का यह मामला एक Whistleblower की शिकायत के बाद उजागर हुआ था।

