उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थिति आवास एंटीलिया पर बीते दिनों जिलेटिन से भरी एक स्कॉर्पियो बरामद हुई थी। इस कार को वहां खड़ा करने की ज़िम्मेदारी कथित आतंकी समूह जैश उल हिंद ने ली है। दरअसल एक निजी साइबर एजेंसी ने पाया कि दिल्ली तिहाड़ जेल में एक टेलीग्राफ चैनल बनाया गया था। जिसमें जैश उल हिंद ने इसकी ज़िम्मेदारी ली है।
आधिकारिक सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस निजी साइबर एजेंसी को जांच एजेंसी ने एक फोन ट्रैक करने को कहा था। ये वही फोन था जिस पर टेलीग्राम चैनल बनाया गया था। उन्होंने जांच एजेंसी की पहचान नहीं बताई, लेकिन कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने यह जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को दी है।
आतंकी मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जा रही है, जबकि वाहन मालिक की मौत और 25 फरवरी को अंबानी के घर के बाहर पाए जाने से पहले वाहन की कथित चोरी के मामला की आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा जांच की जा रही है।
निजी साइबर फर्म द्वारा तैयार एक सुरक्षा विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, टेलीग्राम चैनल TOR नेटवर्क के माध्यम से बनाया गया था, जिसका इस्तेमाल डार्क वेब का उपयोग करने के लिए किया जाता है। जिस सिम कार्ड से यह किया गया था उसका लोकेशन तिहाड़ जेल आ रहा है। डार्क वेब इंटरनेट का एक हिस्सा है जिसे केवल TOR जैसे गुमनाम नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है न कि पारंपरिक सर्च इंजनों पर।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चैनल 26 फरवरी को अपराह्न करीब 3.20 बजे बनाया गया था। दक्षिण मुंबई के कारमाइकल रोड में अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी हुई एसयूवी की ज़िम्मेदारी लेते हुए एक मैसेज इस टेलीग्राफ चैनल में 27 फरवरी की रात को भेजा गया था।
28 फरवरी को एक अन्य चैनल में यह दावा करते हुए मैसेज भेजा गया कि जैश उल हिंद का इसमें कोई हाथ नहीं है। ना ही वह मैसेज जैश उल हिंद की तरफ से भेजा गया था। पुलिस को संदेह है कि यह मैसेज देश के बाहर से भेजा गया था, हालांकि अबतक वे इसकी लोकेसन ट्रैक नहीं कर पाये हैं।

