कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 7,500 से अधिक तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था मंगलवार देर रात को जम्मू से रवाना हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गुफा मंदिर में दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या एक लाख को पार कर गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 180 कंपनी तैनात की गई हैं जो पिछले वर्षों की तुलना में 30 अधिक हैं।
सुरक्षा सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद से इस साल की अमरनाथ यात्रा में सबसे अधिक सुरक्षा है, जिसमें सेना की तैनाती में भारी वृद्धि और अन्य सुरक्षा उपायों के अलावा ड्रोन रोधी और वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग किया गया है।
2019 में सुरक्षा कारणों से यात्रा लगभग दो हफ़्ते कम कर दी गई थी। 2020 और 2021 में, कोविड-19 महामारी के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अधिकारियों के अनुसार, सेना ने सुरक्षा संबंधी कई पहल की हैं, जिनमें ऊंचे इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढ़ाना, पड़ोसी घाटियों में गश्त तेज करना और ड्रोन रोधी और वायु रक्षा प्रणालियों की तैनाती शामिल है।
पढ़ें- आज का मौसम कैसा रहेगा की जानकारी
हाईटेक उपकरणों के इस्तेमाल से की जा रही अमरनाथ यात्रा की निगरानी
इसके साथ ही सैटेलाइट, यूएवी और रडारों के नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए व्यापक निगरानी और मॉनीटरिंग किए जा रहे हैं। अमरनाथ मंदिर जाने वाले दोनों मार्गों पर सुरक्षा बलों की बहुस्तरीय तैनाती की गई है। यात्रा के दौरान तैनाती के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कुल 581 कंपनियां उपलब्ध हैं।
प्रत्येक मार्ग का प्रबंधन राष्ट्रीय राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जाता है और प्रत्येक मार्ग पर लगभग दो बटालियन-शक्ति इकाइयां तैनात होती हैं। एक बटालियन में आमतौर पर 1,000 से 1,200 सैनिक होते हैं। सेना के विशेष बल और वायु रक्षा इकाइयां मार्गों के प्रमुख स्थानों पर तैनात रहती हैं।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ी अमरनाथ यात्रा में सिक्योरिटी
प्रत्येक मार्ग पर सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बलों और नागरिक प्रशासन के कर्मियों वाले संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। एक अधिकारी ने कहा, “विमानों और ड्रोनों के लिए नो-फ्लाई ज़ोन पहले ही लागू कर दिए गए हैं। यात्रा मार्गों और आस-पास की घाटियों के सभी रास्तों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।”
घाटी के दो मार्ग से तीन जुलाई को 38 दिवसीय तीर्थयात्रा शुरू हुई थी। पहला मार्ग अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नुनवान-पहलगाम मार्ग है और दूसरा मार्ग गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर का छोटा लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग है। यात्रा नौ अगस्त को समाप्त होगी।
सेना की कड़ी निगरानी में अमरनाथ यात्रा जारी
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में 5,719 पुरुषों, 1,577 महिलाओं और 40 बच्चों सहित 7,579 तीर्थयात्रियों का आठवां जत्था तड़के तीन बजकर 25 मिनट से तीन बजकर 40 मिनट के बीच भगवती नगर आधार शिविर से 318 वाहनों में सवार होकर कश्मीर स्थित दोनों आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रियों का पहला काफिला 142 वाहनों में 3,031 तीर्थयात्रियों को लेकर गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग के लिए रवाना हुआ, जिसके बाद 176 वाहनों में 4,548 तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था पहलगाम मार्ग से यात्रा कर रहा है। अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। पढ़ें- आज का मौसम कैसा रहेगा की जानकारी