गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को मंगलवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया। अस्थाना को उनके सेवानिवृत्ति से चार दिन पहले यह पदभार दिया गया है। 1984-बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना अब 31 जुलाई, 2022 तक दिल्ली पुलिस के आयुक्त होंगे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन के रूप में दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में चर्चा होगी।
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, फिलहाल सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के रूप में कार्यरत अस्थाना तत्काल प्रभाव से दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने एजजीएमयूटी कैडर से बाहर गुजरात कैडर के अस्थाना की दिल्ली पुलिस आयुक्त के तौर पर नियुक्ति को मंजूरी दी। एसीसी ने शुरू में उनकी सेवा को 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक जो भी पहले हो, तक बढ़ा दिया।
ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं जब एजीएमयूटी कैडर के बाहर से एक आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो। अस्थाना इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक के तौर पर सेवा दे चुके हैं।
2018 में सीबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान उनका सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा से विवाद हुआ था और दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। वर्मा के द्वारा 15 अक्टूबर, 2018 को अस्थाना के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी थी। अस्थाना पर आरोप लगा था कि मोइन कुरैशी मामले में एक संदिग्ध को मामले में राहत देने के लिए उन्हें दो बिचौलियों के माध्यम से 2.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
केंद्र सरकार ने इसके बाद दोनों अधिकारियों को केंद्रीय जांच एजेंसी से हटा दिया था और इसके बाद अस्थाना को आरोपमुक्त कर दिया गया था। अस्थाना को अगस्त 2020 में बीएसएफ का प्रमुख नियुक्त किया गया।
उन्होंने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के प्रमुख का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। अस्थाना नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के महानिदेशक भी रह चुके हैं। राकेश अस्थाना ने सीबीआई में दो बार सेवा दी है पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने बिहार में घोटाले की जांच की थी, जिसके परिणामस्वरूप बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को दोषी ठहराया गया था। गुजरात में उन्होंने नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान वडोदरा के पुलिस आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था।