Attack on salman rushdie: लेखक सलमान रुश्दी अपनी किताब ‘सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर विवादों में रहे। इस किताब के जरिए उनपर ईशनिंदा का आरोप लगा। इसको लेकर ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी ने करीब 33 साल पहले एक फतवा जारी कर सलमान रुश्दी पर 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम रखा था। इस बीच 12 अगस्त को अमेरिका के न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ। रुश्दी को 10 से 15 बार चाकुओं से गोदा गया। अभी उनका इलाज चल रहा है।

क्या है किताब में:

रुश्दी की ‘सैटेनिक वर्सेज’ का हिंदी अर्थ ‘शैतानी आयतें’ हैं। इस नाम को लेकर मुस्लिम समुदाय आपत्ति जता चुका है। रुश्दी ने अपनी इस किताब में एक काल्पनिक किस्सा लिखा है। इसका हिस्सा है कि हवाई जहाज के जरिए दो फिल्म कलाकार मुंबई से लंदन जा रहे हैं। इनमें एक फिल्मी दुनिया का सुपरस्टार जिबरील है और दूसरा ‘वॉयस ओवर आर्टिस्ट’ सलादीन है।

रुश्दी की किताब के हिस्से में कहा गया है कि दोनों फिल्म कलाकारों के प्लेन को रास्ते में हाईजैक कर लिया जाता है। काल्पनिक कहानी में हाईजैक करने वाला सिख आतंकी है। विमान अटलांटिक महासागर के ऊपर से पहुंचता है तो और पैसेंजर से आतंकियों की जोरदार बहस होने लगती है। इतने में गुस्से में आतंकवादी विमान के अंदर बम विस्फोट कर देता है।

इस विस्फोट में दोनों फिल्म कलाकार समुद्र में गिरकर बच जाते हैं। इसके बाद दोनों की जिंदगी बदल जाती है। एक दिन जिबरील के सपने में एक धर्म विशेष के संस्थापक के जीवन से जुड़े कुछ किस्से आते हैं। इसके बाद वह उस धर्म के इतिहास को नए सिरे से गढ़ने के लिए सोचता है। कहानी में आगे रुश्दी ने किरदार जिबरील और सलादीन के किस्से को इस तरह पेश किया गया है जिसे ईशनिंदा माना गया।

सलमान रुश्दी की किताब को लेकर 1989 में मुंबई में भी विरोध देखा गया। किताब को लेकर हुए दंगों में कम से कम 45 लोग मारे गए थे। जिसमें मुंबई से भी 12 लोग शामिल थे। वहीं द सैटेनिक वर्सेज़ उपन्यास प्रकाशन के नौ दिन बाद भारत में तत्कालीन राजीव गांधी सरकार द्वारा इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। संयोग से, भारत पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश था।

रुश्दी की किताब पर बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, सूडान, केन्या सहित कई देशों में प्रतिबंधित किया गया। विरोध ऐसा हुआ कि अगले नौ सालों में रुश्दी तक एक स्थान से दूसरे स्थान पर छिपते रहे। फतवा जारी होने के बाद रुश्दी को कई बार खतरों का सामना करना पड़ा।