G-20 Summit: देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 समिट का आयोजन चल रहा है। इस बैठक में सदस्य देशों समेत 29 देश के राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिध शामिल होने भारत आए हैं। जी-20 बैठक के मद्देनजर पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जी-20 समिट का आयोजन प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में हो रहा है। भारत मंडपम 123 एकड़ में फैला हुआ है। यह ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस से भी बड़ा है। चलिए जानते हैं भारत मंडपम के बारे में।
चेक रिपब्लिक से मंगाया गया झूमर
भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह है। इसे आरकॉप एसोसिएट्स कंपनी ने सिंगापुर की एडास के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है। भारत मंडपम की सजावट में हर राज्य के आर्टवर्क का इस्तेमाल किया गया है। समिट हॉल में लगे झूमर को चेक रिपब्लिक से मंगाया गया है। भारत मंडपम 40 लाख स्क्वायर फीट में बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2016 में की गई थी। भारत मंडपम साल 2023 के जुलाई महीने में बनकर तैयार हुआ था। इसे बनाने में 2,700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। भारत मंडपम में बना फ़ूड हॉल और मीटिंग रूम 10 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। इसका एग्जिबिशन एरिया 16 लाख स्क्वायर फीट में फैला हुआ है। भारत मंडपम कॉम्प्लेक्स में 13 हजार लोगों के बैठने की सुविधा की गई है। वहीं पार्किंग एरिया में एक साथ 5 हजार गाड़िया पार्क करने की सुविधा है।
6 हजार मजदूर ने 7 साल में तैयार किया भारत मंडपम
आर्किटेक्ट संजय सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने हमें यह प्रोजेक्ट अक्टूबर 2016 में बनाने के लिए दिया था। इसके कई डिजाइन तैयार किए गए। बिल्डिंग को मॉडर्न बनाने की कोशिश की गई। इसमें भारत के हर कोने को दर्शाया है। सरकार से अप्रूवल लेने के बाद इस पर काम शुरू किया। उन्होंने आगे बताया कि दोनों कंपनियों के 200 आर्किटेक्ट, कंसल्टेंट, इंजीनियर, टेक्नीशियन और डिजाइनर्स ने साथ मिलकर काम किया और करीब 6 हजार मजदूर इसको बनाने में लगे। कंस्ट्रक्शन का काम शापूरजी पालोनजी ग्रुप को मिला। कोविड के वक्त भी भारत मंडपम का काम नहीं रोका गया था। हम लोग ऑनलाइन मीटिंग करते थे। भारत मंडपम जुलाई 2023 में बनकर तैयार हो गया।
भारत मंडपम में है 5 मंजिल
भारत मंडपम 5 मंजिला अंडाकार इमारत है। इसके फर्स्ट फ्लोर पर पीएम लाउन्ज और मीटिंग रूम बनाया गया है। इस फ्लोर पर PM लाउंज, बाइलैट्रल लाउंज और मीटिंग रूम भी है। मीटिंग रूम की क्षमता 600 लोगों की है। इसमें 50 और 100 लोगों की क्षमता वाला मीटिंग रूम भी बनाया गया है। दूसरे फ्लोर को वीवीआईपी स्टैंडर्ड की तर्ज बार बनाया गया है। इसी फ्लोर पर जी-20 बैठक का आयोजन किया जा रहा है। यहीं पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। इसके अलावा इस फ्लोर पर दो ऑडिटोरियम और लीडर्स लाउंज हैं। एक ऑडिटोरियम में 600 और दूसरे में 900 लोग बैठ सकते है।
दुनिया का सबसे बड़ा इंडोर हॉल
भारत मंडपम के तीसरे फ्लोर पर दुनिया का सबसे बड़ा इंडोर हॉल बनाया गया है। ऑडिटोरियम में तकरीबन 7000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस ऑडिटोरियम में 6 LED स्क्रीन भी लगाए गए हैं। इस फ्लोर से राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट दिखाई देता है। वहीं पांचवें और आखिरी फ्लोर पर टेक्नीशियन स्टाफ के लिए जगह बनाई गई है। भारत मंडपम के पीछे बनी बिल्डिंग में किचन है। इसमें एक बार में 10 हजार लोगों के लिए खाना बनाया जा सकता है। भारत मंडपम के इंटीरियर में हर राज्य की कलाकृति का इस्तेमाल किया गया है। भारत मंडपम में कश्मीर और भदोही के कालीन लगाए गए हैं।
आर्टवर्क पर 15 करोड़ हुआ खर्च
भारत मंडपम के आर्टवर्क पर 15 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। भारत मंडपम के आर्टवर्क का काम 2018 में काम शुरू किया था। इसे पूरा करने में तीन साल का समय लगा। इसमें भारत की संस्कृति को दर्शाया है। भारत मंडपम के बाहर बने पार्क में शंख की आकृति बनाई गई है। भारतीय परम्पराओं में माना जाता है कि शंख ही जल और पृथ्वी पर जीवन का अहम प्रतीक है।