कोरोना के कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 के वैक्सीन के विकास को सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श किया। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के लिए उपयुक्त कोरोना वैक्सीन को लेकर विभिन्न दलों से चर्चा की। इस चर्चा के दौरान डीएमके के नेता टीआर बालू ने हिंदी में ब्रीफिंग किये जाने पर आपत्ति जताई। टीआर बालू ने कहा कि आखिर क्यों ब्रिफिंग का ट्रांसलेशन इंग्लिश में नहीं किया जा रहा और इसके सबटाइटल भी उपलब्ध नहीं कराए गए? यहां आपको यह जानकारी दे दें कि तमिलनाडु और अन्य दक्षिण के राज्यों में हिन्दी को लेकर काफी विवाद होता रहा है।

बीते दिनों जब सरकार ने नई शिक्षा नीति जारी की थी, तब भी इसको लेकर आपत्ति जाहिर की गई थी। अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अब कई तरह के मसलों को उठाना शुरू किया है। तमिलनाडु में हिन्दी और नॉन हिन्दी के बीच काफी गंभीर राजनीतिक जंग हमेशा ही जारी रहती है। कोरोना वायरस की वैक्सीन पर चर्चा के दौरान टीआर बालू ने अंग्रेजी सब-टाइटल को लेकर जब आपत्ति जाहिर की तब संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें भरोसा दिलाया कि बैठक के दौरान जो प्रजेन्टेशन दिखाई गई है, उसका अंग्रेजी अनुवाद उन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी। इस बैठक के दौरान डीएमके नेता ने किसनों के मुद्दे को भी उठाने की कोशिश की। इसपर संसदीय मंत्री ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि यह मुद्दा इस बैठक का हिस्सा नहीं हैं। लिहाजा इसपर यहां बात नहीं की जा सकती है।

देश में कोरोना की स्थिति और वैक्सीन के विकास को लेकर हुई इस सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि ‘केंद्र और राज्य सरकारों की टीमें वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन पर एक साथ काम कर रही हैं। इसके अलावा पीएम ने यह भरोसा दिलाया है कि वैक्सीन की कीमत को लेकर केंद्र लगातार राज्य सरकार से चर्चा कर रहा है। वैक्सीन की कीमत तय करने से पहले पब्लिक हेल्थ को शीर्ष पर रखा जाएगा।