नई दिल्‍ली में चल रही हार्ट ऑफ एशिया कॉन्‍फ्रेंस से इतर भारत और पाकिस्तान के विदेश सचिवों के बीच मंगलवार (26 अप्रैल) को मुलाकात हुई। करीब पौने दो घंटे चली बातचीत में पाकिस्‍तान के उच्‍चायुक्‍त अब्‍दुल बासित भी मौजूद रहे। बैठक के दौरान पाकिस्‍तान के विदेश सचिव एजाज अहम चौधरी ने कश्‍मीर को ही मुख्‍य मुद्दा बताया। पुराने रुख पर अड़े रहते हुए पाकिस्‍तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधानों के मुताबिक ही कश्‍मीर मसले का हल करने की बात कही।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्‍तान ने बैठक में कुलभूषण जाधव का भी मुद्दा उठाया, जिन्‍हें वह रॉ एजेंट बता रहा है। इतना ही नहीं, पाकिस्‍तान ने विदेश सचिवों की वार्ता के बीच ही वक्‍त्‍व्‍य जारी कर दिया, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। दूसरी ओर भारत ने जाधव को पूर्व नेवी अफसर बताया और पाकिस्‍तान से पठानकोट हमले के गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर और उनके पाकिस्‍तानी समकक्ष के बीच जनवरी 2016 में हुए पठानकोट हमले के बाद यह पहली मुलाकात थी।

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भारत-पाक वार्ता से जुड़े कुछ तथ्‍य 

15-16 जनवरी 2016: पठानकोट एयर बेस पर आतंकी हमले के द्वारा बनाई गई अनिश्चितता के मद्देनजर पाकिस्तान ने इस्लामाबाद होने वाली विदेश सचिव स्तर की बैठक को रद्द किया।

19 अगस्त, 2014: भारत ने पाकिस्तान के साथ 25 अगस्त को विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द किया। भारत ने यह कदम भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के कश्मीर अलगाववादियों से मिलने के बाद उठाया था।

3 मार्च 2015: विदेश सचिव एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान समकक्ष अहमद चौधरी से मुलाकात की। यह 2012 के बाद से दोनों देशों के विदेश सचिवों की पहली बार बैठक थी।

23 अगस्त, 2015: पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बैठक को रद्द किया। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज और उनके भारतीय समकक्ष अजित डोवाल के बीच वार्ता होनी थी। सरताज अजीज की हुर्रियत नेताओं से बैठक पर भारत ने आपत्ति जताई थी।

6 दिसंबर 2015:  भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजीत डोभाल और नसीर खान जंजुआ बैंकॉक में मिले।

9 दिसंबर 2015: मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के सात साल बाद भारत और पाकिस्तान समग्र द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए सहमत हुए।

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