देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। 12 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि पूरे देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1,94,720 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 60,405 मरीजों की रिकवरी हुईं तो इस दौरान 442 लोगों की इस महामारी की वजह से मौत हुई। बता दें कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले भी बढ़ते देखे जा रहे हैं।
बूस्टर डोज बेअसर: टॉप मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट से हर कोई संक्रमित हो जाएगा। शीर्ष विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर वैक्सीन की डोज भी कोरोना के नए वेरिएंट को फैलने से नहीं रोक पाएगी। बूस्टर खुराक को लेकर कहा गया है कि इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा, इंफेक्शन हो जाएगा। यह पूरी दुनिया में देखा गया है।
अस्पताल में भर्ती होने की दर कम: वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कोविड अब भयावह बीमारी नहीं है। क्योंकि इसका नया स्ट्रेन हल्का है और अस्पताल में भर्ती होने की दर भी बहुत कम है। देखा गया है कि भारत कई अन्य देशों की तरह बुरी तरह प्रभावित नहीं हुआ है।
एनडीटीवी से बातचीत में ICMR के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी की साइंटिफिक एडवाइजरी कमेटी के चेयरपर्सन डॉ. जयप्रकाश मुलियिल ने कहा कि हममें से कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती कि वो संक्रमित हो चुके हैं। संभवतः 80% से ज्यादा लोगों को यह नहीं पता होता कि वो संक्रमित कब हुए।
कोरोना टेस्टिंग पर उन्होंने कहा कि इसी तरह से किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आए बिना लक्षणों वाले व्यक्ति की टेस्टिंग भी ठीक नहीं है। संक्रमण दो दिन में दोगुना हो रहा है। लॉकडाउन के विकल्प पर उन्होंने कहा कि हम लगातार घरों में कैद नहीं रह सकते।
डॉ मुलियिल ने कहा कि भारत में 85% लोग भारत में वैक्सीन लाने के दौरान ही संक्रमित हो चुके थे। भारत में वैक्सीन की पहली डोज ही पहली बूस्टर डोज थी। उन्होंने कहा कि इन्फेक्शन की वजह से भारतीयों में स्वाभाविक तौर पर इम्युनिटी पैदा हो चुकी थी।