नेपाल की एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या के सभी सात दोषियों को सोमवार को रोहतक जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। पीड़ित महिला को इसी साल फरवरी में अगवा कर सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। उसका शव रोहतक-हिसार नेशनल हाइवे पर फेंक दिया था। इस मामले के एक किशोर आरोपी के खिलाफ किशोर न्यायिक बोर्ड में मामला चल रहा है।
रोहतक की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सीमा सिंघल ने सोमवार को सभी सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। सातों दोषी 18 दिसंबर को दोषी करार दिए गए थे। सजा पर दलीलें सोमवार को सुनी गर्इं। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनके नाम राजेश, सुनील उर्फ सिल्ला, सरवर उर्फ बिल्लू, मनबीर, सुनील उर्फ मद्दा, पवन और प्रमोद उर्फ पदम हैं। इस मामले के आठवें नाबालिग कथित आरोपी पर किशोर न्यायिक बोर्ड में मामला चल रहा है। इस मामले के एक अन्य आरोपी सोमबीर ने नई दिल्ली में मुकदमें के दौरान खुदकुशी कर ली थी। ये सभी दोषी जिला रोहतक के गांव गद्दी खेड़ी के निवासी हैं।
फैसले के मुताबिक, दोषियों को फांसी की सजा हत्या और आपराधिक साजिश रचने के जुर्म में सुनाई गई, जबकि बलात्कार के जुर्म में उन्हें उम्रकैद की सजा के अलावा महिला को अगवा करने और आपराधिक साजिश रचने के जुर्म में 10 साल कैद की सजा दी गई। बचाव पक्ष के वकील दीपक भारद्वाज ने बताया कि ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी और अधिकतम सजा भी बरकरार रहेगी। उन्होंने बताया,‘इस फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।’ एडीजे सीमा सिंघल ने दोषियों के प्रति नरमी बिलकुल नहीं दिखाई। उन्होंने 256 पेज के अपने फैसले में सभी को जघन्य जुर्म का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई।
इस 28 साल की नेपाली महिला के साथ नौ लोगों ने बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। पीड़ित महिला का क्षत-विक्षत शव रोहतक-हिसार बाईपास पर इस साल चार फरवरी को मिला था। अवसाद से पीड़ित यह महिला पिछले साल उपचार कराने नेपाल से रोहतक आई थी। वह अपनी बड़ी बहन के साथ रह रही थी। उसे एक फरवरी को अगवा किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी।