हरियाणा के फरीदाबाद जिले की अल-फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में है। यहां के दो डॉक्टरों का नाम आतंकी गतिविधियों में शामिल होने में आया है। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मुजम्मिल को 2 हफ्ते पहले गिरफ्तार किया गया था और उसी की निशानदेही पर धौज और फतेहपुर तगा गांव से करीब 2900 किलो विस्फोटक मिले। जिस दिन विस्फोटक बरामद हुआ उसी दिन दिल्ली में लाल किले के पास कार ब्लास्ट हुआ है, जिसे केंद्र सरकार ने आतंकी घटना माना है।
क्या है धौज गांव की डेमोग्राफी?
पुलिस और जांच एजेंसियां ने अपनी जांच तेज कर दी है। जांच का केंद्र अल फलाह यूनिवर्सिटी बन गई है। यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के धौज गांव में स्थित है। 76 एकड़ में स्थापित ये यूनिवर्सिटी काफी चर्चित है और यहां पर कॉलेज, हॉस्पिटल से लेकर मस्जिद तक है। यूनिवर्सिटी जिस गांव में है, अगर वहां की डेमोग्राफी का जिक्र करें तो यहा पर मुसलमान की संख्या 70 फ़ीसदी से अधिक है।
मस्जिद के इमाम में मकान में रहता था मुजम्मिल
जिन मकानों से विस्फोटक मिले, वह मस्जिद के इमाम का मकान है। फतेहपुर तगा और धौज दोनों ही गांव में 80 फ़ीसदी से अधिक लोग किसानी करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खाद और बीच के कट्टों में विस्फोटक रखा हुआ था।
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रिपोर्ट्स के अनुसार फतेहपुर तगा गांव में करीब 4500 वोट है। इसी गांव में एक बड़ी मस्जिद भी है, जहां पर जुमा के दिन आसपास के गांव के लोग भी जाकर नमाज पढ़ते हैं। अगर हम देखें तो गांव में ज्यादा विकास नहीं है और लोगों को अभी भी बुनियादी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि पास में ही यूनिवर्सिटी होने के कारण लोगों की आय का साधन कमरे पर किराया देना भी बन चुका है।
धौज गांव का इतिहास
अगर हम धौज गांव के इतिहास को जाने तो यहां की कहानी काफी रोचक है। बताया जाता है कि 1259 ईस्वी में दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन ने मेव बहुल क्षेत्र को कब्जाने के लिए आक्रमण कर दिया था। यह गांव लड़ाई का केंद्र रहा और यहीं पर ध्वजा लगा दी गई। इसी के बाद से गांव का नाम धौज हो गया। धौज गांव में मेवाती मुसलमानों की आबादी काफी अधिक है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी इलाके में विस्फोटक छिपाने की वजह
पास में ही है धौज और फ़तेहपुर तगा गांव
अगर हम अल फलाह यूनिवर्सिटी से धौज गांव और फतेहपुर गांव की दूरी की बात करें तो दोनों ही गांव में आप आसानी से 10 से 15 मिनट के अंदर पहुंच सकते हैं। धौज गांव अधिक क्षेत्रफल में बना है लेकिन आबादी कम है। वहीं फतेहपुर गांव में रहने वालों की आबादी अधिक है। दोनों गांव में आवाजाही अधिक होती है क्योंकि यहां पर यूनिवर्सिटी स्थित है और उसके अंदर हॉस्पिटल भी है। ऐसे में अगर इन दोनों गांव या फिर आसपास के गांव में किसी की तबीयत खराब होती है, तो लोग यूनिवर्सिटी के अस्पताल में मरीज को दिखाने के लिए आते हैं।
