अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जावेद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी हुई है। दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले का कनेक्शन अल फलाह यूनिवर्सिटी से है या नहीं, इसकी भी जांच ही रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि साजिशकर्ता डॉक्टर मुजम्मिल और आतंकी उमर नबी भी यहां काम कर चुके हैं।
मंगलवार सुबह से चल रही छापेमारी
हमले के बाद से ही अल फलाह यूनिवर्सिटी को लेकर जांच तेज हो गई थी और मंगलवार सुबह दिल्ली, फरीदाबाद और आसपास के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। मंगलवार सुबह 5 बजे से ही ईडी की छापेमारी जारी है। फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी का कार्यालय है, जहां पर ईडी ने छापेमारी की और अलग-अलग दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को टीम अपने साथ ले गई।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 19 के तहत जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। ED ने कहा कि यूनिवर्सिटी के संबंध में पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा दर्ज की गई ईसीआईआर की चल रही जांच में ग्रुप से संबंधित परिसरों में की गई तलाशी कार्रवाई के दौरान इकठ्ठा साक्ष्यों की विस्तृत जांच और विश्लेषण के बाद आज यह गिरफ्तारी हुई।
FIR में क्या है?
ईडी ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज दो एफआईआर के आधार पर अल फलाह ग्रुप के खिलाफ जांच शुरू की थी। इन मामलों में आरोप लगाया गया था कि अल-फलाह विश्वविद्यालय, फरीदाबाद ने गलत लाभ के लिए छात्रों, अभिभावकों और स्टेकहोल्डर्स को धोखा देने के इरादे से एनएएसी मान्यता के धोखाधड़ीपूर्ण और भ्रामक दावे किए हैं।
एफआईआर में आगे लिखा गया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय (फरीदाबाद) ने यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 12(B) के तहत यूजीसी मान्यता का झूठा दावा किया है, जिसका उद्देश्य अभ्यर्थियों, छात्रों, अभिभावकों, अभिभावकों, स्टेकहोल्डर्स और आम जनता को धोखा देकर गलत तरीके से लाभ प्राप्त करना और उन्हें नुकसान पहुंचाना है। यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि अल-फलाह विश्वविद्यालय को केवल धारा 2(F) के तहत एक राज्य निजी विश्वविद्यालय के रूप में शामिल किया गया है। इसने कभी भी धारा 12(B) के तहत शामिल होने के लिए आवेदन नहीं किया है और वह उस प्रावधान के तहत अनुदान के लिए पात्र नहीं है।
कौन हैं जावेद अहमद सिद्दीकी?
अल फलाह के संस्थापक जावेद सिद्दीकी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है। वह 1992 में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के निदेशक बने और बाद में अल फलाह ट्रस्ट की स्थापना की। इसके बाद इस व्यवसाय का विस्तार शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्र में हुआ। हालांकि इनमें से अधिकांश कंपनियां बंद हो गईं।
अल फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन (विस्फोट की आपराधिक जांच का केंद्र है) फरीदाबाद के धौज गांव में 70 एकड़ में फैले विश्वविद्यालय परिसर में संचालित होता है। जावेद सिद्दीकी पर वर्ष 2000 में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कथित निवेश धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें 2001 में गिरफ्तार किया गया था और 2004 में इस शर्त पर ज़मानत दी गई थी कि वह निवेशकों को पैसे वापस कर देंगे। अधिकारियों ने कहा कि क्राइम ब्रांच जावेद सिद्दीकी के खिलाफ पिछले आरोपों की भी समीक्षा करेगी।
