उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा महंगाई दूर करने के जिस ‘फॉर्मूले’ की बात कर रही थी, उसे अब लागू करे क्योंकि केंद्र में उसकी सरकार है। इस काम में अगर समाजवादियों की आवश्यकता है तो पूरा सहयोग किया जाएगा।

अखिलेश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र सरकार आगे आये ताकि महंगाई कम हो। उन्होंने (भाजपा) देश भर में कहा कि हम महंगाई कम कर देंगे। हमारे पास फॉर्मूला है महंगाई कम करने का। मैं समझता हूं कि समय आ गया कि उनका फॉर्मूला लागू होना चाहिए। उनको देश में महंगाई कम करने में समाजवादियों का सहयोग चाहिए तो पूरी मदद करेंगे।’’

जब सवाल किया गया कि कोई ऐसा तरीका है क्या जिससे महंगाई से राहत मिल सके और क्या उप्र सरकार सस्ती दाल देगी, तो मुख्यमंत्री बोले, ‘‘देखिये, ये संतुलन तो बनाना पड़ेगा। इसमें प्रदेश सरकार और केंद्र में से जिम्मेदार कौन है, आपको बताना पड़ेगा …. इसीलिए समाजवादी सरकार ने मंडियों को बेहतर करने की कोशिश की है। बुनियादी ढांचा बेहतर हो, बाजार में सामान उपलब्ध हो, किसान को सहूलियत मिले। कम से कम समाजवादी लोग तो ये कार्य कर रहे हैं। लेकिन केन््रद की भी जिम्मेदारी है।’’

जब ध्यान दिलाया गया कि जमाखोरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है तो अखिलेश ने कहा कि अगर कोई जमाखोरी कर रहा है तो प्रदेश सरकार पूरे तरीके से कार्रवाई करेगी। दाल की बढ़ती कीमतों पर उन्होंने केंद्र को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘‘लेकिन फार्मूला क्या है महंगाई कम करने का। दाल बाजार में नहीं है। अरहर बाहर से लाना चाहते हैं। हमारा किसान ज्यादा अनाज पैदा करे, उसके लिए कोई योजना बनायी है क्या।’’

किसानों और उत्पादन को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तिल आज ज्यादा पैदा होने लगी है। आलू खूब हुआ। दूध का उत्पादन बढ़ गया है। दूध, मक्खन और पनीर का बाजार महंगा हो जाए तो दाम कैसे कम होंगे। जब तक जानवर नहीं होंगे दाम नहीं घटेंगे। ‘‘आप देखिये हमने कितनी भैंसे और गायें बढ़ा दीं। अब हम गाय भैंस की बात करेंगे तो बहस को आप दूसरी जगह ले जाएंगे।’’

असहिष्णुता के फलस्वरूप हाल ही में हुई कुछ अप्रिय घटनाओं को निवेश में बाधक बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में आज हर मुख्यमंत्री कोशिश में है कि उसके यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आये। ‘‘मान लें, आज सपा सरकार है उप्र में। हम कोई निवेश लाना चाहें और कल को ये सवाल करें कि आपके यहां निवेश आएगा तो हो सकता है मुंह काला हो जाए। निवेशक को आप भगा दें। (आखिर आप) माहौल क्या बना रहे हैं। निवेश आना नहीं है। रोजगार के सवाल पर बहस नहीं।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘आप समझिये कितने बेरोजगार है यहां और ये बेरोजगारी बढ़ेगी, घटेगी नहीं। आज महंगाई बढ़ गयी है, घट नहीं रही। याद रखना, महंगाई एक बार बढ़ गयी तो घट नहीं सकती। बिहार में भी चुनाव हो रहा है। गरीबी बेरोजगारी पर बहस हो, वहां कारखाने और उद्योग कैसे लगें उस पर बहस हो लेकिन बहस किसी और दिशा में चली जाए तो ये ठीक नहीं।’’