उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल के बीच यूपी के सीएम अखिलेश यादव मीडिया के सामने आए हैं। बिना किसी का नाम लिए अखिलेश यादव ने साफ किया कि झगड़ा सरकार में है परिवार में नहीं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सरकार में कुछ फैसले उन्होंने अपनी मर्जी से लिए हैं और कुछ में मुलायम सिंह यादव यानी नेताजी की सलाह ली गई है। अखिलेश ने बताया कि जब बात परिवार की होती है तो परिवार के सब लोग नेताजी की ही बात मानते हैं। अखिलेश यादव ने कहा, ‘जो झगड़ा दिख रहा है वह सरकार का है। परिवार का नहीं। अच्छा कौन नहीं नेताजी की बात मानेगा। परिवार में सभी लोग उनकी बात मानते हैं। कुछ फैसले मैंने लिए हैं कुछ फैसलों में नेताजी की राय ली गई है।’

इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने भी 14 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसमें उन्होंने कहा कि वह मुलायम सिंह यादव से बात करके आगे कोई फैसला लेंगे। इससे पहले 13 सितंबर को पार्टी अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जगह शिवपाल सिंह यादव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। 13 सितंबर को ही अखिलेश ने चाचा शिवपाल से तीन मंत्रालय वापस ले लिए थे।

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समाजवादी पार्टी में चाचा शिवपाल सिंह यादव और भतीजे अखिलेश यादव में झगड़ा बाहुबली मुखतार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के विलय के बाद से शुरू हुआ था। शिवपाल यादव के फैसले से नाराज होकर अखिलेश यादव ने यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया था। क्योंकि वह विलय करवाने वाले नेताओं में शामिल थे। उस वक्त सब जानना चाहते थे कि क्या अखिलेश शिवपाल के खिलाफ भी कोई कार्रवाई करेंगे। हालांकि, बाद में विलय के फैसले को वापस ले लिया गया।