लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निकली राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पश्चिम बंगाल, बिहार झारखंड जैसे राज्यो में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को झटके पर झटके लगे हैं लेकिन अब कुछ ऐसा ही उत्तर प्रदेश में भी होता नजर आ रहा है। इसकी वजह यूपी के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की कांग्रेस से नाराजगी बताई जा रही है। अगर आज अखिलेश की यह नाराजगी दूर न हुई तो वे राहुल की न्याय यात्रा से दूरी भी बना सकते हैं।

अखिलेश यादव को कांग्रेस ने यूपी में राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था और अखिलेश ने उसे खुशी-खुशी स्वीकार भी कर लिया था लेकिन अब खबरें हैं कि अखिलेश अपने उस फैसले पर पुनर्विचार कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि अभी तक यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे पर आम सहमति नहीं बनी है। इसको लेकर सपा और कांग्रेस में फिर बातचीत होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर आज सपा और कांग्रेस में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनती है तो अखिलेश राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से दूरी बना सकते हैं।

इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सीट शेयरिंग की लिस्ट फाइनल नहीं होगी तब तक वे राहुल की न्याय यात्रा में नहीं जाएंगे। अखिलेश ने कहा कि बातचीत जारी है। कांग्रेस की लिस्ट आ गई है, हमने भी उन्हें लिस्ट दी है। जब सीट शेयरिंग का मसला हल होगा उसी वक्त समाजवादी पार्टी राहुल की न्याय यात्रा में शामिल हो जाएगी।

अमेठी में आमने सामने होंगे राहुल और स्मृति!

गौरतलब है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक आज राहुल गांधी की न्याय यात्रा अमेठी में पहुंचेगी। इस दौरान राहुल के साथ अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल होंगी। अमेठी और गौरीगंज में राहुल गांधी की पदयात्रा होगी और वे गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। एक खास बात यह है कि आज ही अमेठी की मौजूदा सांसद और कैबिनेट मंत्री स्मृति इरानी भी अमेठी में चार दिवसीय दौरे पर आने वाली हैं। ऐसे में लंबे अरसे बाद राहुल और स्मृति एक ही दिन अमेठी में मौजूद होंगे। इसे लोकसभा के लिहाज से एक अहम सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे जरूरी अखिलेश यादव का न्याय यात्रा में शामिल होना ही है।

अखिलेश से नाराज नेताओं को जगह

एक खास बात यह है कि जब सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को राहुल की न्याय यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण मिला था तो मौर्य तुरंत ही यात्रा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा सपा की सहयोगी अपना दल कमेरावादी की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल भी राहुल की न्याय यात्रा में शामिल हुईं थीं। ये दोनों ही नेता सपा सुप्रीमो से नाराज चल रहे हैं। इसके बावजूद कांग्रेस का उनकी आवभगत करना अखिलेश को रास नहीं आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक सीट शेयरिंग के अलावा यह भी मुद्दा भी हो सकता है जिसके चलते अखिलेश यादव राहुल की न्याय यात्रा में शामिल होने के प्रस्ताव को पुनर्विचार कर ठुकरा भी सकते हैं।