13 बड़े अखाड़ों और हिंदू साधु-संतों को उपदेश देने वाली शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अगले माह अक्टूबर में ‘आचरण और व्यवहार’ मुद्दे पर एक कार्यक्रम में आयोजित करने की घोषणा की है। जिसमें यह अपने सदस्यों की ध्यान भटकाने वाली उम्र पर ध्यान केंद्रिय करेगा। बता दें कि परिषद ने यह निर्णय भाजपा नेता निन्मयानंद की गिरफ्तारी के बाद लिया है, जो एक छात्रा को डराने और यौन उत्पीड़न के आरोपी है।

पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव महंत नरेंद्र गिरी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि 10 अक्टूबर को परिषद की मीटिंग होगी जिसमें उन मामलों में चर्चा होगी जिनमें हिंदू संतों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। कार्यक्रम प्रमुख गिरी ने कहा कि इसमें यह भी जानने कि कोशिश होगी कि संतों के खिलाफ लगाए आरोप कतने सही है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में जब हममें से कई पुरुष और महिला भक्त, कॉलेज और स्कूल छात्रों के साथ मूर्ख बन रहे हैं, हम अपने सदस्यों को ठीक से व्यवहार करने के लिए कहना चाहते हैं। इस तरह के कृत्य हिंदू संतों में अविश्वास पैदा करते हैं जो हमारे समाज के लिए अच्छा नहीं है। हम चाहते हैं कि हमारे अखाड़ा सदस्य योगी आदित्य नाथ के उदाहरण का पालन करें जो एक मंहत की तरह अपनी भूमिका निभा रहे हैं और सीधी-साधी जिंदगी जी रहे हैं। वह योगी की तरह बने ना की चिन्मयानंद की तरह।

महंत नरेंद्र गिरी के मुताबिक, ‘हमें चिन्मयानंद के निष्कासन पर चर्चा करनी होगी। हम चाहते हैं कि मामले में बिना किसी पक्षपात के निर्णय लिया जाए।’ इसी बीच निर्मोही अखाड़ा के महंत राम दास ने कहा कि मीटिंग में जोर देकर कहेंगे की आश्रमों में कैमरे लगाए जाएं और महंतों को अपने जीवन को जितना संभव हो उतना सार्वजनिक और समुदाय से संचालित करना चाहिए। बता दें कि संतों को जिंदगी जीने का एक तरीका माना जाता है जिसमें सतसंग और संवाद शामिल हैं।