Maharshtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार और शरद पवार के गुट के बीच बंटी एनसीपी का मुख्य धड़ा भले ही अजित के पास हो लेकिन शरद पवार ने लोकसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखाई थी। अजित पवार के गुट को लोकसभा चुनाव में लगे झटके के बाद चाचा-भतीजे के बीच टकराव और बढ़ गया है। इस बीच पुणे में शनिवार को जिला योजना एवं विकास समिति की बैठक हो रही थी। इस बैठक में जिला संरक्षक मंत्री होने के नाते अजीत पवार भी मौजूद थे। उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तक कह दिया कि उन्हें सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। नतीजा ये रहा कि भतीजे के सामने दो घंटे तक हुई बैठक में शरद पवार चुपचाप बैठे रहे।
अजित पवार ने डीपीडीसी में अपने चाचा को बोलने तक से मना कर दिया तो एनसीपी के दोनों गुटों में टकराव और ज्यादा बढ़ गई। इसको लेकर बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले अजित पवार पर नाराजगी जताई है। सुप्रिया सुले ने कहा कि आज डीपीडीसी बैठक से बहुत कुछ सीखने को मिला।
अजित पवार के आने पर खड़े हुए शरद पवार
शरद पवार जिला संरक्षक मंत्री अजित पवार के आने से पांच मिनट पहले बैठक में पहुंचे थे। जब अजीत पवार आए तो प्रोटोकॉल के अनुसार शरद पवार अपनी कुर्सी से खड़े हो गए थे। यह पुरानी दुनिया की राजनीति का वास्तविक उदाहरण था, जिसके लिए महाराष्ट्र फेमस है सुप्रिया सुले ने कहा कि जब शरद ने सवाल पूछे तो अजित पवार ने उन्हें नियम दिखाने का प्रयास किया। इसको लेकर अजित पवार ने यह कह दिया कि वे केवल सांसद के तौर पर आमंत्रित किए गए हैं, उन्हें सवाल पूछने का अधिकार नहीं है।
सुप्रिया सुले ने अजित पवार पर बोला हमला
सुप्रिया सुले ने कहा कि सभी सांसदों और विधायकों ने हमेशा डीपीडीसी की बैठकों में सवाल उठाए हैं। इतने सालों बाद अचानक यह नियम पुस्तिका सामने क्यों आई है। सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार पर नियम पुस्तिका फेंकना कितना उचित है,जो कि 83 साल के हैं, वे न केवल महाराष्ट्र बल्कि भारत के भी सबसे बड़े नेताओं में शामिल हैं।
सुप्रिया सुले ने कहा कि अजित पवार इस बार पर जोर देते रहे कि सांसद विशेष आमंत्रित हैं। उन्होंने सरकारी राजपत्र की अधिसूचना की कॉपी दिखाते हुए कहा कि नियम भी यही बात स्पष्ट करते हैं। आप कानून द्वारा विशेष आमंत्रित हैं। कानून आपको भाग लेने का अधिकार देता है। सुले ने कहा कि डीपीडीसी की बैठक में जो कुछ भी हुआ, वह महाराष्ट्र की राजनीति में संस्कृति में पहली बार हुआ, जो कि दुखद है।
बता दें कि डीपीडीसी की बैठक में पुणे के सांसद और विधायक मौजूद थे और अजित पवार अध्यक्षता कर रहे थे। शरद पवार ने तीन सवाल पूछे लेकिन अजित पवार ने सीधा कह दिया कि उन्हें सवाल उठाने का अधिकार नहीं है, जिसके बाद शरद पवार पूरी मीटिंग में चुप ही रहे थे।