महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है, चुनाव आयोग ने अजित गुट को असली एनसीपी बता दिया है। ये लड़ाई लंबे समय से चुनाव आयोग के पास चल रही थी, शरद पवार की तरफ से अपनी दलीलें भी रखी गई थीं। लेकिन अब वहां से अजित गुट को बड़ी जीत मिली है। जोर देकर कहा गया है कि असल एनसीपी तो अजित गुट ही है।
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल ही अजित गुट ने बगावत करते हुए एनसीपी में दो फाड़ कर दी थी। कई विधायकों के साथ उन्होंने शिंदे सरकार का समर्थन किया था। इसी वजह से अजित डिप्टी सीएम भी बन गए थे। तब अजित ने दावा किया था कि असल एनसीपी भी वहीं है, इसका तर्क ये था कि उनके पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं शरद पवार ने भी अपने दावे किए थे, उन्होंने अजित को ही बाहर निकालने का काम कर दिया था।
लेकिन अब चुनाव आयोग ने जमीन पर सारे समीकरण बदल दिए हैं। ईसी ने अजित गुट को बड़ी वाली राहत दी है, उन्हें ही असली एनसीपी बता दिया गया है। दूसरी तरफ शरद पवार को कल तक अपनी पार्टी के तीन संभावित नाम ईसी को देने के लिए कहा गया है। नियम के मुताबिक भी अब शरद पवार को नया नाम सोचना ही पड़ेगा क्योंकि एनसीपी और उसका चुनाव जिन्ह अजित पवार के साथ चला गया है।
यहां ये समझना जरूरी है कि ईसी ने कई पहलुओं पर चर्चा करने के बाद ये फैसला सुनाया है। पिछले 6 महीनों में कई बार सुनवाई हुई, वकीलों की बहस दिखी, दोनों तरफ से दावे हुए, उसके बाद मंगलवार को अजित गुट के पक्ष में ये फैसला आया। असल कौन असल पार्टी है, इसका फैसला बहुमत के आधार पर होता है, किसके पास ज्यादा विधायकों का समर्थन, उसकी पार्टी मान ली जाती है। शिवसेना भी इसी वजह से उद्धव से छिनी थी और अब शरद पवार के साथ भी वहीं हुआ है।
ये अलग बात है कि शरद पवार ने हार नहीं मानी है और अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी है। सुप्रिया सुले ने तो यहां तक कह दिया है कि सभी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ ही हैं, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके गुट को ही राहत दी जाएगी।