Maharashtra Assembly Polls: भाजपा और एनसीपी (अजित पवार) दोनों ही सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा हैं, लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले दोनों पार्टियां अलग-अलग रास्ते अपनाते दिख रहे हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा ‘वोट जिहाद’ के बारे में टिप्पणी करने के एक दिन बाद राकांपा प्रमुख अजीत पवार ने अपनी पार्टी के अपने कोटे की 10 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को देने का ऐलान किया है।
अजित पवार ने मंगलवार को जन सम्मान यात्रा को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं अल्पसंख्यक समुदाय को बताना चाहता हूं कि हमने एनसीपी द्वारा लड़ी जाने वाली सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को देने का फैसला किया है। यह घोषणा एनसीपी के हाल ही में लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद की गई है। जहां अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने अपने चार में से तीन निर्वाचन क्षेत्रों में हार का सामना किया। बता दें, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महायुति गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है, जिसमें भाजपा, एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल हैं।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवासे से बताया कि महायुति गठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत के बीच अजित पवार की एनसीपी ने अणुशक्ति नगर, शिवाजी नगर, कागल, बांद्रा ईस्ट और कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने में कामयाबी हासिल की है। इस समूह में भाजपा, अजित पवार की एनसीपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल हैं।
एनसीपी ने धुले, भिवंडी, मुंबादेवी, मालेगांव और बीड निर्वाचन क्षेत्रों पर भी दावा किया है ताकि इन सीटों पर संभावित मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए जा सकें। सुरक्षित सीटों में से अधिकांश पर एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं, जिनमें अणुशक्ति नगर से नवाब मलिक और कागल सीट से हसन मुश्रीफ शामिल हैं।
‘लव, वोट जिहाद’ पर क्यों जोर दे रहे फडणवीस ? समझिए इसके पीछे की पूरी थ्योरी
हालांकि, नवाब मलिक विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के खिलाफ शिवाजी नगर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। नवाब मलिक की बेटी सना मलिक अणुशक्ति नगर सीट से उनकी जगह लेंगी।
इसके अलावा, बांद्रा ईस्ट सीट से कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी भी अपने पिता बाबा सिद्दीकी के नक्शेकदम पर चलते हुए जल्द ही अजित पवार की एनसीपी में शामिल होंगे। वहीं, ठाणे नगर निगम के पूर्व पार्षद नजीब मुल्ला को कलवा-मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र में शरद पवार की एनसीपी के विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मैदान में उतारा जाएगा। इसी तरह, भिवंडी और मुंबादेवी सीटों पर शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी दोनों का दावा है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी (एसपी) के कुछ स्थानीय नेता एनसीपी में शामिल होने के लिए तैयार हैं और उन्हें धुले और मालेगांव से मैदान में उतारा जा सकता है।
बता दें, पवार का अल्पसंख्यक समुदाय (मुख्य रूप से मुस्लिम) का प्रतिनिधित्व करने का वादा फडणवीस के ‘वोट जिहाद’ पर बयान के ठीक एक दिन बाद आया। फडणवीस ने दावा किया कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान 48 में से 14 निर्वाचन क्षेत्रों में ‘वोट जिहाद’ हुआ। उन्होंने धुले निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की हार के लिए इसी घटना को जिम्मेदार ठहराया।
देवेंद्र फडणवीस कि लोकसभा चुनावों में वोट जिहाद देखा गया। धुले निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार ने पांच विधानसभा सीटों पर 1.90 लाख वोटों से बढ़त बनाई। हालांकि, मालेगांव सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में मतदान के कारण हमारा उम्मीदवार 1.94 लाख वोटों से पीछे रह गया, जिससे वह केवल 4,000 वोटों से चुनाव हार गया।
फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने ‘लव जिहाद’ पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू महिलाओं को झूठे बहाने से अंतर-धार्मिक विवाह में फंसाने की एक लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अंतर-धार्मिक विवाहों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उन मामलों पर चिंता व्यक्त की, जहां पुरुषों ने महिलाओं को धोखा देने के लिए नकली पहचान का इस्तेमाल किया, बाद में बच्चे होने के बाद उन्हें छोड़ दिया। फडणवीस ने कोल्हापुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि हमने अब देखा है कि एक लाख से अधिक शिकायतें हैं, जहां हिंदू महिलाओं को अलग-अलग धर्मों के पुरुषों के साथ भागकर शादी करने का लालच दिया गया है।
अजित पवार ने भाजपा विधायक नितेश राणे का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा और उन नेताओं की आलोचना की जो “घृणास्पद भाषण” देते हैं। पवार ने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों में अपने विश्वास और छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा ज्योतिराव फुले और बीआर अंबेडकर के प्रति अपने सम्मान पर जोर दिया। पवार ने विशिष्ट समुदायों को लक्षित करने वाली भड़काऊ टिप्पणियों पर निराशा व्यक्त की थी।
अगस्त में पवार ने केंद्र के वक्फ संशोधन विधेयक पर भी अलग रुख अपनाया था। उन्होंने कहा कि एनसीपी वक्फ बोर्ड विधेयक में मुसलमानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देगी। धुले में एनसीपी की जन सम्मान यात्रा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एनसीपी ने फैसला किया है कि अगर आपको (मुसलमानों को) इस विधेयक को लेकर कोई चिंता है, तो हम आपकी चिंताओं को सुनेंगे। हम अल्पसंख्यकों के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना है।
