एयर मार्शल आर नांबियार ने सोमवार (27 मई 2019) को दावा किया कि बादलों की वजह से रेडार को विमानों को सही डिटेक्ट करने में मुश्किल आती है। बठिंडा में कारगिल शहीद स्क्वैड्रन लीडर अजय आहूजा को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे सेना के टॉप ऑफिसर ने यह बात कही।

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बादलों की वजह से रेडार को विमानों को डिटेक्ट में मुश्किलें आती हैं इसलिए बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए ऐसे ही समय को चुना गया। हालांकि पीएम के इस बयान के बाद उनका विपक्ष ने मजाक उड़ाया था। लेकिन अब नांबियार ने अपने इस दावे के जरिए एक तरह से पीएम के तर्क का समर्थन कर दिया है।

उन्होंने कहा कि ‘काफी घने बादल और गरज-चमक के साथ होने वाली बारिश की वजह से रेडार को विमानों को सही से डिटेक्ट करने में मुश्किलें आती हैं। और यह बात एकदम सच है।’

बता दें कि हाल ही में आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी पीएम के बयान का समर्थन किया है। उन्होंन कहा है कि ‘कई तरह के रेडार एक साथ सक्रिय होते हैं। सभी में अलग-अलग तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। कोई बादलों और भारी बारिश के बीच भी विमानों को डिटेक्ट कर सकती है तो किसी रडार में ऐसी तकनीक नहीं होती की वह इन विपरीत परिस्थितियों में भी विमानों को डिटेक्ट कर सके।’

मालूम हो कि भारतीय वायुसेना ने फरवरी में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। जिसमें कई आतंकवादियों को मारने का दावा किया गया। सेना ने इस मिशन को बेहद ही सफलतापूर्वक को अंजाम दिया।

इस मिशन पर बात करते हुए एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पीएम ने दावा किया है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान मौसम खराब हो चुका था और ऑपरेशन को स्थगित करने के बारे में सोचा जा रहा था। लेकिन, उन्होंने आइडिया लगाया कि अगर मौसम खराब है, तो बादल की वजह से भारतीय वायुसेना के विमान रेडार की जद में नहीं आएंगे। ऐसे में इस ऑपरेशन को हरी झंडी दे दी गई। जिसके बाद पीएम अपने इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए।