भारतीय वायुसेना चीफ के पद पर गुरुवार को एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी काबिज हो गए। उन्होंने एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया के रिटायर होने के बाद उनकी जगह ली। वीआर चौधरी ने IAF चीफ का पद संभालने के कहा कि भारत की संप्रभुता और अखंडता की किसी भी कीमत पर रक्षा की जाएगी। नये वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता की रक्षा किसी भी कीमत पर सुनिश्चित की जाएगी।

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि मौजूदा साजोसमान के साथ नये शामिल किये गये प्लेटफॉर्म, हथियार और मशीनरी के समन्वय के जरिए संचालन क्षमता को बढ़ाना और संचालन की अवधारणा के साथ इसका तालमेल बैठाना एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र रहेगा। वायुसेना कर्मियों को एक संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए नई टेकनॉलिजी हासिल करने, स्वदेशीकरण और इनोवेशन को बढ़ावा देने, साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने और नई ट्रेनिंग मेथड को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया।

IAF के तेजतर्रार अधिकारियों में होते हैं शुमार: एयर चीफ मार्शल चौधरी इस टॉप पोस्ट का प्रभार संभालने से पहले वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ के तौर पर सेवा दे रहे थे। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के छात्र रह चुके एयर चीफ मार्शल चौधरी एयरफोर्स की लड़ाकू विमान शाखा में 29 दिसंबर 1982 को शामिल हुए थे।

उपलब्धियां: एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन मेघदूत (सियाचीन मिशन) और ऑपरेशन सफेद सागर (करगिल) में अपनी सेवाएं दी थी। उन्होंने राफेल विमानों के बेड़े को अंबाला एयरबेस पर इंडक्ट कराया था। अपने करीब 38 साल के करियर के दौरान उन्होंने कई तरह के लड़ाकू और दूसरे विमानों से उड़ान भरी है। उनके पास 3,800 से अधिक घंटे विमान उड़ाने का अनुभव है, जिनमें मिग-21,मिग-23 एमएफ, मिग-29 और सुखोई-30 लड़ाकू विमान शामिल हैं।