तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री एमएफ पांडिराजन को उस वक्त शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उन्होंने एक मृत छात्रा के पुराने वीडियो का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए किया। छात्रा के परिजनों के साथ सूबे के लोगों ने इसका तीखा विरोध किया। माहौल को भांपते हुए पांडिराजन ने ट्विटर से वीडियो हटा लिया है। नया वीडियो पोस्ट करके उन्होंने माना, छात्रा का वीडियो उसके परिजनों की अनुमति के बगैर लगाया था। बकौल मंत्री उन्हें इसके बारे में पता भी नहीं था। जिसने वह वीडियो डाला था, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वह केस भी दर्ज कराने जा रहे हैं।
वीडियो में पांडिराजन ने 17 वर्षीया छात्रा अनिथा की पुरानी क्लिप इस्तेमाल की थी। उनका इसमें कहना था कि AIADMK की उस नीति की छात्रा सराहना करती जिसके तहत मेडिकल प्रवेश में सरकारी स्कूल के बच्चों को 7.5 फीसदी का आरक्षण दिया गया है। जयललिता के बनाए कानून की वजह से ऐसा हो सका। उनकी लोगों से अपील थी कि आपके हाथों की स्याही आपकी जिंदगी है। मत भूलें कि DMK ने 17 छात्रों का सपना तोड़ा था। अनिथा के भाई ने मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा, वह उस कीड़े से भी बदतर हैं जो लाशों को खाता है। प्लीज, वीडियो हटा दें।
गौरतलब है कि नीट सूबे के लिए संवेदनशील मसला है। एग्जाम पास न कर पाने की वजह से हाल के वर्षों में 17 छात्र-छात्राएं खुदकुशी कर चुके हैं। यही एक मुद्दा है जिस पर सूबे की धुर विरोधी पार्टियां एकमत हैं। 2017 तक तमिलनाडु में 12वीं के परीक्षा परिणाम के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता था। लेकिन नीट परीक्षा शुरू हो जाने से राज्य के वंचित समाज के विद्यार्थियों के लिए मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाना कठिन हो गया है। इसे लेकर सूबे में लगातार विरोध देखा जा रहा है।
तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटें हैं। यहां अभी AIADMK की सरकार है और इ पलानीस्वामी मुख्यमंत्री हैं। पिछले चुनाव में AIADMK ने 136 और मुख्य विपक्षी पार्टी DMK ने 89 सीटें जीती थीं। यहां बहुमत के लिए 118 सीटें चाहिए। 39 संसदीय सीटों वाला यह राज्य राजनीतिक रूप से समृद्ध प्रदेश के रूप में जाना जाता है। 2019 के आम चुनाव में मोदी लहर के बावजूद DMK ने लोकसभा की 38 सीटों पर कब्जा जमाया था।
2014 के आम चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता के नेतृत्व वाले AIADMK ने 37 सीटें जीती थीं। DMK एम करुणानिधि के नेतृत्व में एक भी सीट नहीं जीत सका था। सूबे का यह पहला असेंबली चुनाव है जब दो दिग्गज एम करुणानिधि जे जयललिता मैदान में नहीं हैं। करुणानिधी 2018 तो जयललिता 2016 में दिवंगत हो चुकी हैं। AIADMK बीजेपी तो DMK कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। अभिनेता से नेता बने कमल हसन एमएनएम बनाकर ताल ठोक रहे हैं।