Kurmi Mahakumbh Ayodhya: जातियों की राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जातीय गोलबंदी की आहट सुनाई देने लगी है। इस बार यह आहट उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में आने वाले कुर्मी समुदाय की ओर से सामने आई है। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद (अब अयोध्या) में कुर्मी समुदाय की ओर से रविवार को कुर्मी महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस महाकुंभ में न सिर्फ फैजाबाद बल्कि आस-पास के जिलों के भी कुर्मी समुदाय के नेता शामिल हुए।
याद दिलाना होगा कि विपक्षी गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस और इसमें शामिल सपा सहित कुछ अन्य दलों ने देश में जाति जनगणना के नाम पर ओबीसी समुदाय को उसके हक और हिस्सेदारी की बात को बार-बार उठाया है। जबकि दूसरी और बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिए गए नारे- ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के जरिये जाति जनगणना के कार्ड का मुकाबला कर रही है।
उत्तर प्रदेश के अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां 45% के आसपास ओबीसी समुदाय की आबादी है। इसके अलावा लगभग 19% मतदाता सवर्ण, 21% दलित मतदाता और 20% मुस्लिम मतदाता भी हैं। ओबीसी मतदाताओं में कुर्मी समुदाय के मतदाताओं की संख्या 5% है।
अब आपको बताते हैं कि कुर्मी समुदाय के द्वारा कुर्मी महाकुंभ का आयोजन क्यों किया गया?
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कुर्मी समुदाय ने कहा है कि अयोध्या की राजनीति में उनके समुदाय की उपेक्षा की गई है। कुर्मी महाकुंभ में सभी राजनीतिक दलों में सक्रिय कुर्मी नेताओं ने भाग लिया। कुर्मी समुदाय की ओर से यह कार्यक्रम ऐसे वक्त में आयोजित किया गया जब अयोध्या में मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाला है। हालांकि महाकुंभ के आयोजकों ने इस बात से इनकार किया कि इस कार्यक्रम का उपचुनाव से कोई लेना देना है।
एकता और ताकत को दिखाना था मकसद
कुर्मी महाकुंभ में शामिल हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव जयकरण वर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुर्मी महाकुंभ का मकसद हमारी एकता और ताकत को दिखाना है। फैजाबाद की राजनीति में हमारे समुदाय को अक्सर नजर अंदाज कर दिया जाता है जबकि इस जिले के कुल 18 लाख मतदाताओं में से 2.38 लाख मतदाता कुर्मी समुदाय से हैं।
कुर्मी महाकुंभ का आयोजन पूरे काशीनाथ गांव में किया गया। इस महाकुंभ में लगभग 50 हजार लोग शामिल हुए। बीजेपी के नेता डॉक्टर अवधेश वर्मा ने बताया कि महाकुंभ का मकसद यही था कि कुर्मी समुदाय की उपेक्षा को सामने रखा जाए और अयोध्या में समुदाय को उसकी हिस्सेदारी देने की बात को प्रमुखता से उठाया जाए।
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बीजेपी नेता ने कहा कि महाकुंभ में यह तय हुआ है कि अगर हमारे समुदाय के किसी भी नेता को टिकट मिलता है तो हम पार्टी लाइन से ऊपर उठकर उसका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस इलाके में उनके समुदाय की अच्छी-खासी आबादी होने के बावजूद कुर्मी समुदाय का कोई भी नेता पिछले दो दशक में यहां से विधानसभा या लोकसभा में नहीं पहुंचा। वर्मा ने कहा कि विनय कटियार आखिरी नेता थे जो 1999 में फैजाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव जीते थे।
वर्मा ने कहा कि अयोध्या जिले में हमारे समुदाय की आबादी 15% है। इसके बाद भी किसी भी राजनीतिक दल ने हमारे समुदाय के नेता को जिला अध्यक्ष तक नहीं बनाया। इस महाकुंभ का आयोजन डॉ. अवधेश वर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था।
उत्तर प्रदेश में हाल ही में 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे और इसमें 7 सीटों पर सूबे में सरकार चला रहे एनडीए गठबंधन को जीत मिली थी। सात में से 6 सीटों पर बीजेपी जीती है जबकि एक सीट पर उसके सहयोगी दल आरएलडी का प्रत्याशी जीता है। दो सीटों पर समाजवादी पार्टी जीती थी। अब अगली लड़ाई मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होनी है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव सपा के नेता अवधेश प्रसाद के अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने की वजह से हो रहा है।
क्यों अहम है मिल्कीपुर सीट?
मिल्कीपुर की सीट इसलिए अहम है क्योंकि यह फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा में आती है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फैजाबाद सीट पर जब हार मिली थी तो इसकी चर्चा देश भर में हुई थी क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद इस सीट पर बीजेपी की हार की बात पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने भी नहीं सोची थी। यहां से सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद जीते थे। अवधेश प्रसाद उस वक्त मिल्कीपुर सीट से मौजूदा विधायक भी थे। अवधेश प्रसाद दलित समुदाय से आते हैं।
2022 के विधानसभा चुनाव में हारे बीजेपी उम्मीदवार गोरखनाथ बाबा ने अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अदालत में मामला होने के चलते निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के साथ मिल्कीपुर में उप चुनाव नहीं कराया था।
अब देखना होगा कि महाकुंभ के आयोजन के बाद क्या मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी और सपा जैसे बड़े राजनीतिक दल क्या कुर्मी समुदाय के किसी नेता को टिकट देंगे?
इनपुट- द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर।