संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बयानबाजी हो रही है। इससे कई बार माहौल गरम होता है तो कई बार हंसी की फुहार भी छुटती है। शुक्रवार को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के शकुनी वाले बयान पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोरदार पलटवार करते हुए जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हम किसी को छेड़ते नहीं है, लेकिन कोई छेड़े तो छोड़ते नहीं है।”

कृषि मंत्री ने कांग्रेस नेता के बयान पर जबर्दस्त पलटवार किया

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान महाभारत के शकुनी का जिक्र किया था। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा, “शकुनी छल और कपट का प्रतीक है। चौपड़ में तो धोखे से ही हराया गया था और चक्रव्यूह में फेयर वार से नहीं बल्कि घेर कर मारा गया था।” उन्होंने कहा कि सदन में अभी रणदीप सुरजेवाला मौजूद नहीं हैं। वह होते तो अच्छा लगता।

मोदी सरकार में कृषि विकास पर बोलते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों और कृषि का जितना विकास मोदी सरकार में हुआ उतना कांग्रेस में कभी नहीं हुआ। उन्होंने पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के शासन काल में खराब कृषि व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि उस समय किसानों को कोई सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराई गई थी। भारत राष्ट्र जितना प्राचीन है, कृषि भी उतनी ही प्राचीन है।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि के क्षेत्र में प्राथमिकताओं को बदला जिसके अच्छे परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं।”

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी जरूरत से ज्यादा खाद्य उत्पादन कर रहा है। कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि देश का आम बजट 2024-25 पर्यावरण अनुकूल खेती पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत अब एक खाद्य अधिशेष देश है। यह दुनिया में दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, भारत खाद्यान्न, फल, सब्जी, कपास, चीनी और चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भी बन गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एक दौर था, जब भारत की खाद्य सुरक्षा दुनिया के लिए चिंता का सबब थी। अब, भारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है।’’