भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से ऐलान किया है कि अपने गांव, जिला मुख्यालय को ही दिल्ली का धरना मान लें। उन्होंने कहा कि गेहूं, जौ और चना के फसल को अगर मंडी में एमएसपी नहीं मिल रही है तो किसान फसल को लेकर जिला मुख्यालय में जाए। एसडीएम के पास जाए, अगर उसे एमएसपी नहीं मिलेगी तो पता चल जाएगा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा कि एमएसपी थी है और रहेगी वो बात गलत थी।
टिकैत ने कहा कि जब तक एमएसपी को लेकर कानून नहीं बनाया जाएगा तब तक देश के किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। अगर तीन बिल वापस नहीं होंगे तो देश के किसानों को लाभ नहीं होगा। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अभी दिल्ली में नहीं है, 100 दिन हो गए 5 लाख से ज्यादा लोग दिल्ली में हैं,लेकिन दिल्ली में सरकार गायब हो गयी है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में अब किसी पार्टी की सरकार नहीं रही है सरकार को बड़ी कंपनियां चला रही है।
बीकेयू नेता ने कहा कि देश के बुरे दिन आने वाले हैं, देश पर कंपनियों का राज होगा, किसी पार्टी की सरकार नहीं रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में सभी विचारधारा के लोगों का उन्हें समर्थन मिल रहा है। हमारे साथ सभी पार्टी के लोग हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन से एक नयी विचारधारा देश में जन्म लेगी, उसी विचारधारा पर काम करना है जो गरीब की बात को सुने और रोटी बाजार की वस्तु न बन जाए इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को विरोध में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। 100 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं वहीं अब आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए और सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों की तरफ से देश के कई राज्यों में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।