असम गण परिषद (एजीपी)  के वरिष्ठ नेता और असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत ने आज कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना नहीं है लेकिन भाजपा की तरफ से कोई ठोस ‘‘प्रस्ताव’’ आने पर वह विचार कर सकती है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘‘सैद्धांतिक रूप से कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन नहीं हो सकता। एजीपी का गठन कांग्रेस विरोधी विचारधारा के साथ हुआ था। इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन संभव नहीं है।’’

63 वर्षीय महंत ने कहा कि गठबंधन के लिए एजीपी कुछ छोटे स्थानीय दलों से बातचीत की है लेकिन अब तक भाजपा के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा ‘‘भाजपा के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है। अगर वे किसी ठोस प्रस्ताव के साथ हम लोगों से संपर्क करते हैं तो हम लोग चर्चा कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि किसी अन्य राजनीतिक दल के साथ गठजोड़ पर निर्णय लेने के लिए एजीपी की तरफ से एक समिति का गठन किया गया है।  महंत 1985 से 1990 और 1996 से 2001 के बीच असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। दिलचस्प है कि महंत ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।

उन्होंने कहा ‘‘मैं लंबे समय से आडवाणी जी को जानता हूं। उनकी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं थी और इसीलिए मैंने उनसे मुलाकात की। यह शिष्टाचार के नाते की गयी मुलाकात थी।’’ भाजपा और एजीपी ने साल 2009 में गठबंधन किया था और उस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चार और एजीपी ने महज एक सीट जीती थी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा के नेतृत्व में एजीपी ने भाजपा के राज्य नेतृत्व के साथ कुछ दौर की वार्ता की है और विधानसभा की 126 में से कम-से-कम 40 सीटों की मांग की है। असम विधानसभा के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने की संभावना है।