CISF में अग्निवीरों के लिए 10% पद आरक्षित रहने वाले हैं, केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके अलावा सरकार ने फैसला लिया है कि फिजिकल में भी अग्निवीरों को कुछ छूट मिलने वाली है। यह फैसले उस समय हुए हैं जब इस स्कीम को लेकर काफी विवाद बढ़ चुका है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर उनकी सरकार बनेगी तो इस स्कीम को ही फेंक दिया जाएगा।
फैसले के मायने
अब उस बीच CISF में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत पद आरक्षित कर सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। इसके मायने इसलिए हैं क्योंकि इस योजना के विरोध में बोलने वाले मानते हैं कि अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित नहीं रह पाता है, सेना को सेवा देने के बाद उनके पास कुछ करने के लिए नहीं रह जाता। इस बीच सरकार ने इस प्रकार का फैसला लेकर साफ कर दिया है अग्निवीरों के पास विकल्प की कोई कमी नहीं रहने वाली है।
राजनीति क्यों हुई?
वैसे CISF ने भी जारी बयान में कह दिया है कि पूर्व अग्निवीरों को ना सिर्फ आरक्षण दिया जाएगा बल्कि उन्हें फिजिकल टेस्ट में रियायत भी मिलेगी। जानकारी के लिए बता दें कि इस समय अग्ननिवीर का मुद्दा गरमाया हुआ है, कांग्रेस से लेकर दूसरे विपक्षी दल इसे लेकर सरकार को घेर रहे हैं। देश की संसद में भी राहुल गांधी ने मुआवजे की बात कर फिर अग्निवीरों को मिलने वाले अधिकारों पर बहस छेड़ दी थी। अब इस बीच सरकार के इस फैसले ने अग्निवीरों को बड़ी राहत देने का काम किया है।
सामान्य सैनिक से कितना अलग अग्निवीर?
वैसे अगर सरकार की इस योजना की बात करें तो अग्निवीर का वेतन 30,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति महीने है। इसके साथ ही वो जोखिम और कठिनाई भत्ते के हकदार हैं। इस योजना में एक सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी है, जिसके तहत अग्निवीर अपनी मासिक परिलब्धियों का 30% योगदान करते हैं, और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है। चार साल पूरे होने पर उन्हें पैकेज से लगभग 11.71 लाख रुपये (ब्याज सहित) मिलेंगे और इस पर आयकर से छूट मिलेगी।
अब बात अगर बीमा की हो तो गर सामान्य सैनिक 5 हजार रुपये महीने के आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड में डालता है, उससे जरूरत पड़ने पर 50 लाख तक रुपये मिल जाते हैं। एक अग्रिवीर को दूसरी तरफ 48 लाख रुपये तक बीमा के मिल जाते हैं, लेकिन यहां पर उनसे महीने के कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं।