अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार देने में कोरोना है, लेकिन चुनाव लड़ने में कोरोना नहीं है। बंगाल में दीदी ओ दीदी कर लिए, लेकिन भर्ती नहीं की। कन्हैया ने कहा कि एक सीधा सा सवाल है कि सरकार को इस बात का जवाब देश के नौजवानों को देना चाहिए। जो भर्तियां हो रही थीं। वो भर्ती होगी कि नहीं होगी।

कुमार ने कहा कि पहले आर्मी में हर साल 75 हजार लोग कम से कम बहाल होते थे। बीजेपी ने बाद में इसको घटाकर 50 हजार कर दिया। और पिछले दो साल में 50 हजार लोगों की भी भर्ती नहीं की गई, जबकि अब यह तीसरा साल है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बहाना दिया कि कोरोना की वजह से भर्ती नहीं की गई।

कन्हैया ने तंज कसते हुए कहा कि हाय मोदी जी…कोरोना था तो चुनाव लड़ लिए। बंगाल में जाकर के दीदी ओ दीदी कर लिए। सब जगह चुनाव हो गया। उत्तर प्रदेश का चुनाव हो गया। सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि बुलडोजर बाबा आ गए, लेकिन आर्मी की भर्ती नहीं हुई।

कांग्रेस नेता ने मौजूद लोगों से पूछा कि यह बेइमानी है कि नहीं है। रोजगार देने में कोरोना है और चुनाव लड़ने में कोरोना नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर बैगलॉग को देखेंगे, 50 को हजार को ही मान लें, तब भी डेढ़ लाख बहाली होनी चाहिए थी। उन्होंने पूछा कि डेढ़ लाख बहाली करेंगे कि नहीं करेंगे, इसको बीजेपी का कोई नेता नहीं बता रहा है। ऊपर से एक नई योजना लेकर आ गए।

अग्निपथ योजना को लेकर कन्हैया कुमार ने कहा कि मुझे एक कहानी याद आ रही है। कुमार ने कहा, ‘ बच्चा जोर-जोर से रो रहा था, कहा- मम्मी दूध पिला दो, दूध पिला दो। मम्मी उसको उठाकर के अलमारी पर बैठा दी। बच्चा अब मम्मी को यह नहीं कहता कि मम्मी दूध पिला दो।

वहीं कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने पीएम मोदी पर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने जर्मनी के तानाशाह हिटलर से पीएम मोदी की तुलना करते हुए कहा कि अगर मोदी हिटलर की राह पर चल रहे हैं तो वह हिटलर की मौत मरेंगे। कांग्रेस नेता के इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए हैं, लोगों का कहना है कि जनता के द्वारा चुने हुए प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की अमर्यादित टिप्पणी करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।