बीजेपी ने बुधवार को राज्य महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्रा पॉल को ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने टीएमसी विधायक जितेंद्र तिवारी के बीजेपी में शामिल होने के खिलाफ आवाज उठाई थी। यह नोटिस राज्य में बीजेपी के वाइस प्रेसिडेंट प्रताप बनर्जी की तरफ से जारी किया गया है। एक बयान में पॉल ने कहा था कि वह तिवारी के पार्टी में शामिल होने के पक्ष में नहीं हैं।

मंगलवार को ऐसा ही नोटिस बीजेपी के जनरल सेक्रटरी सायंतन बासु और दो पार्टी नेताओं गंगा प्रसाद शर्मा और संतोष हाती के खिलाफ भी जारी किया गया था। बासु ने भी बीजेपी में टीएमसी विधायकों के शामिल होने का विरोध किया था।

बता दें कि अमित शाह के दो दिन के दौरे के समय 11 नेता बीजेपी में शामिल हो गए। इसमें टीएमसी के भी पांच विधायक थे। टीएमसी के बड़े नेता और ममता बनर्जी के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने भी बीजेपी का दमन थाम लिया। इसके अलावा लेफ्ट पार्टी के भी विधायकों ने बीजेपी जॉइन की। हालांकि बीजेपी के कुछ नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। दरअसल यह भी डर है कि पहले से पार्टी में मौजूद लोगों का कद कहीं छोटा न पड़ जाए।

अगले साल अप्रैल मई में 294 सीटों वाले पश्चिम बंगाल में चुनाव होने हैं। जानकारों का कहना है कि टीएमसी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी में भी फूट का खतरा है। ऐसे में चुनावों का रुख अभी साफ नहीं है। एक तरफ मौजूदा हालात में टीएमसी पर संकट दिखाई दे रहा है लेकिन कहीं यह बाद में बीजेपी के लिए भारी न पड़ जाए। हालांकि पहले की ही तरह बीजेपी अभी पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान नहीं करेगी। अमित शाह ने बंगाल में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

अपने दौरे के दौरान अमित शाह ने पश्चिमी मिदनापुर में विशाल जनसभा की थी। इसी रैली में उन्होंने कई नेताओँ को बीजेपी की सदस्यता दी। शुभेंदु अधिकारी के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके इलाके में बीजेपी नेताओं पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला भी कर दिया। इसमें कई नेता घायल हो गए।