संसद हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरू और जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट की फांसी की बरसी क्रमश: नौ फरवरी और 11 फरवरी को देखते हुए सीआरपीएफ ने कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट जारी किया है और अपनी सभी इकाईयों को पूरी घाटी में तैनात किया है। सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘हुर्रियत के सभी धड़े और अलगाववादियों द्वारा नौ, दस और 11 फरवरी को हड़ताल और प्रदर्शन के आह्वान के परिप्रेक्ष्य में सीआरपीएफ की सभी इकाईयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।’’
अलगाववादी समूहों ने अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने की तीसरी बरसी पर मंगलवार को हड़ताल का आह्वान किया है और 11 फरवरी को भट को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में भी हड़ताल का आह्वान किया गया है। अफजल गुरु को जहां नौ फरवरी 2013 को दिल्ली में तिहाड़ जेल के अंदर फांसी पर लटका दिया गया वहीं जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक भट को 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी।
प्रवक्ता ने कहा कि घाटी में शुक्रवार और रविवार को होने वाली पथराव की घटनाओं को देखते हुए सीआरपीएफ ने घाटी और दूरवर्ती इलाकों में जवानों की तैनाती की है और उन्हें विभिन्न गतिविधियों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है और पुलिस के साथ समन्वय बनाए रखने को कहा गया है।
सीआरपीएफ के डीआईजी (ऑपरेशन) श्रीनगर संजीव धुंदिया ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों तथा जवानों से कहा कि सतर्क और अलर्ट रहें और रक्षाकर्मियों को घायल होने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कुछ हफ्ते पहले सराफ कादल इलाके में पथराव के बीच सीआरपीएफ के जवानों पर ग्रेनेड फेंका गया लेकिन संयोग से ग्रेनेड में विस्फोट नहीं हुआ।’’