भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने कहा है कि केंद्रीय बैंक के शासन को बोर्ड चला सकता है या नहीं, इस पर निर्णय लेने से पहले इसके शासन ढाचे की समीक्षा की जरूरत है। आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में यहां शुक्रवार को केंद्रीय बोर्ड की हुई बैठक के बाद बोर्ड ने यह बयान दिया है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, “बोर्ड ने रिजर्व बैंक के शासन ढांचे पर विचार-विमर्श किया है और यह निर्णय लिया गया है कि मामले की समीक्षा किए जाने की जरूरत है।” आरबीआई का शासन सरकार और बैंक के बीच विवाद का बड़ा कारण रहा, जिसकी वजह से आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को सोमवार को इस्तीफा देना पड़ा। सरकार मौजूदा समय में चाहती है कि आरबीआई गवर्नर के बदले बोर्ड द्वारा संचालित हो।
मौजूदा ढाचे के अनुसार, बोर्ड के पास 18 निदेशक होते हैं, जिसमें चार डिप्टी गवर्नर, आरबीआई के स्थानीय बोर्ड के चार निदेशक, सरकार द्वारा नामित दो व्यक्ति, और सरकार द्वारा नियुक्त अन्य व्यक्ति होते हैं। इनमें से बोर्ड में कई नियुक्तियां राजनीतिक होती हैं।
बोर्ड अर्थव्यवस्था में तरलता और बाजार की साख जैसे विवादास्पद मामले की समीक्षा करती है, जिसकी वजह से पिछले कुछ महीनों में सरकार और केंद्रीय बैंक में विवाद की स्थिति पैदा हुई थी।
बयान के अनुसार, “बोर्ड ने मौजूदा आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों, अर्थव्यवस्था के संबंध में तरलता और साख वितरण, मुद्रा प्रबंधन और वित्तीय साक्षरता से संबंधित मामलों की समीक्षा की।”
