महाराष्ट्र विधानसभा गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाली चौथी राज्य विधानसभा बन गई है। विधानसभा में शनिवार को बीबीसी की निंदा करते हुए कहा गया कि प्रसारक ने देश की न्यायपालिका की छवि खराब करने और धार्मिक विभाजन पैदा करने का प्रयास किया है। भाजपा सदस्य अतुल भातखलकर द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव शनिवार को ध्वनि मत से पारित हो गया। जिस समय यह प्रस्ताव पारित हुआ तब विपक्ष सदन में नहीं था।
महाराष्ट्र के अलावा प्रस्ताव पारित करने वाले राज्य :
असम
23 मार्च को असम विधानसभा ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। जिसमें ब्रॉडकास्टर के “धार्मिक समुदायों को उकसाने, धार्मिक तनाव भड़काने और भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को खराब करने के दुर्भावनापूर्ण, खतरनाक एजेंडे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी।
प्रस्ताव पेश करने वाले बीजेपी विधायक भुबोन पेगू ने डॉक्यूमेंट्री के रिलीज के समय पर सवाल उठाया और भारत के खिलाफ एक “अंतर्राष्ट्रीय साजिश” का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जिस समय देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तरक्की कर रहा है उस समय में बीबीसी जैसे संस्थान भारत को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।
जबकि कांग्रेस कि ओर से विधायक देवद्रता सैकिया ने तर्क दिया कि यह प्रश्न राज्य विधानसभा से संबंधित नहीं है और इसलिए इस पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह असम से भी संबंधित है, क्योंकि यह भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा है।
मध्य प्रदेश
13 मार्च को भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन द्वारा एक निजी सदस्य के प्रस्ताव के रूप में पेश किए जाने और मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा समर्थन किए जाने के बाद मध्य प्रदेश विधायिका ने बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया था। ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने से पहले शैलेंद्र जैन ने कहा कि बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों की गलत व्याख्या करके एक आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण किया था और नरेंद्र मोदी की खराब छवि पेश करने की कोशिश की गयी थी।
गुजरात
11 मार्च को गुजरात विधानसभा इस तरह का प्रस्ताव पेश करने वाली पहली विधानसभा बनी थी। गुजरात विधानसभा में कहा गया कि बीबीसी ने मनगढ़ंत डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। यह मोदी को बदनाम करने और भारत को अस्थिर करने के लिए बनाई गयी थी।
भाजपा के सोजित्रा विधायक विपुल पटेल द्वारा प्रस्ताव पेश किया गया था। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा लगभग 90 मिनट तक प्रस्ताव पर चर्चा के बाद इसे पारित किया गया।