राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर के पत्रकार फहद शाह और एक स्कॉलर अब्दुल अला फाजिली के खिलाफ राजद्रोह के आरोप तय किए हैं। स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने चार्जशीट में आरोप लगाया कि दोनों अपने आर्टिकल्स और पाकिस्तान की मदद से राज्य में भारत विरोधी माहौल बना रहे थे। यह केस एक आर्टिकल को लेकर दर्ज किया गया है। एनआईए की एक अदालत ने फहद शाह और कश्मीर विश्वविद्यालय के स्कॉलर अब्दुल अला फाजिली के खिलाफ राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा दर्ज राजद्रोह के मामले में आरोप तय किए हैं।
अब्दुल अला फाजिली ने “द शेकल्स ऑफ स्लेवरी विल ब्रेक” टाइटल से एक आर्टिकल लिखा था, जिसे ‘कश्मीर वाला’ डिजिटल मैग्जीन में छापा गया था। पत्रकार पीरजादा फहद शाह मैग्जीन के एडिटर-इन चीफ हैं। दोनों के खिलाफ 4 अप्रैल, 2020 को सीजेआई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एक अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को एनआईए एक्ट के तहत नियुक्त स्पेशल जज ने दोनों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
अधिकारी ने चार्जशीट का हवाला देते हुए कहा, दोनों ने पाकिस्तान की मदद से कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी के समर्थन में फिर से माहौल बनाने के लिए मंच को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा, “वे विदेशी एजेंसियों और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से प्राप्त अपने अवैध धन की मदद से डिजिटल प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करके भारत विरोधी कहानियां फैला रहे थे।”
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि दोनों सीमा पार अलगाववादियों और कुछ स्थानीय आतंकियों के साथ संपर्क में भी थे। उन्होंने कहा कि ये दोनों अपने आर्टिकल्स के जरिए आतंकवाद की वकालत और आतंकवीदियों का महिमामंडन कर रहे थे। इसके साथ ही, जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और अलगाववादियों एवं आतंकी संगठनों के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे थे।
इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
एसआईए ने आवश्यक सरकारी स्वीकृति प्राप्त करने के बाद 13 अक्टूबर, 2022 को अदालत में मामले में आरोप पत्र दायर किया। प्रतिद्वंद्वी की दलीलों को सुनने के बाद, अदालत ने गुरुवार को दोनों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई। आला फाजिली पर यूएपीए की धारा 13, 18 और धारा 121 एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी और 201 के तहत आरोप लगाया गया था। इन धाराओं के अलावा, पीरजादा फहद शाह पर विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम 2010 की धारा 35 और 39 के तहत भी आरोप तय किए गए थे।