महेश केजरीवाल
किसान आंदोलन के स्थगित होने के साथ ही दिल्ली सीमा से लगते सभी टोल प्लाजा भी मुक्त होंगे और पहले की तरह ही वाहन दौड़ सकेंगे। पुलिस के अनुसार सीमा से लगते रूटों पर यातायात सामान्य होने में चार से पांच दिन का समय लग सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर से ही किसान संगठनों ने पंजाब के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर दिया गया था।
पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर किसान डटे हुए थे। सिंघू, टीकरी समेत गाजीपुर सीमा पर एक साल से ज्यादा समय से चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन बेशक स्थगित हो गया है लेकिन रास्ता खुलने में अभी समय लगेगा। इसकी मुख्य वजह टूटी सड़कें, सड़क पर टेंट और बैरिकेडिंग है।
किसान आंदोलन लंबा चलने के कारण आंदोलनकारियों ने करीब एक किलोमीटर के दायरे में सड़क को खोद कर टेंट गाड़ रखा है। कई जगहों पर पक्के निर्माण किए जाने और वाहनों के आड़े तिरछे खड़े किए जाने से सड़क ों पर कब्जा है। बैरिकेडिंग से कई जगहों पर सड़कें टूट गई है। रोड पर किसानों को सामान समेटने और टेंट उखाड़ने में करीब चार से पांच दिन लग सकते हैं। टेंट उखड़ने और रोड खाली होने के बाद ही ट्रैफिक को आम लोगों के लिए खोला जाएगा। सीमा पर दिल्ली व हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी है।
हालांकि कुछ लोग टेंट आदि हटाने लगे हैं और सामान भी समेट रहे हैं, वापसी भी शुरू हो गई है। अब आंदोलन खत्म होने के बाद लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। माना जा रहा है कि एक सप्ताह के अंदर आवागमन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा। कुंडली बार्डर पर एक साल से अधिक समय से आंदोलनकारी नेशनल हाइवे को बंद कर वहां पर धरना दे रहे हैं। रोड बंद होने की वजह से हजारों लोगों पर इसका असर पड़ा है। रोड के किनारे की दुकानें और पेट्रोल पंप लगभग बंद हो गए हैं। यहां नौकरी करने वाले भी बेरोजगार हो चुके हैं। सीमा बंद होने से जो लोग दिल्ली से हरियाणा आवाजाही करते है उन्हें समय अधिक लगता है साथ ही किराया भी अधिक देना होता है।