संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के द्वारा सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की कठोर आलोचना किए जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान के राजदूत साद वाराइच ने संयुक्त राष्ट्र से रविवार (30 सितंबर) को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ बंदूक तान दी। पाक राजदूत ने आरोप लगाया कि आज के उदार भारत में असंतोष के लिए कोई जगह नहीं है। वाराइच ने आरोप लगाया कि बीजेपी की वैचारिक सलाहकार आरएसएस अपने सेंटर्स के जरिये फासीवाद को फैला रही है। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, ”हमारे क्षेत्र में आतंकवाद का प्रजनन स्थल आरएसएस के फासीवाद के केंद्र हैं। धार्मिक श्रेष्ठता का दावों को पूरे भारत में सीधे संरक्षण के माध्यम से बढ़ावा दिया जाता है।” पाकिस्तानी राजदूत ने यह भी कहा कि भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का चेहरा अशांत हिंदू चरमपंथी है जिसने खुले तौर पर हिंदुओं की धार्मिक श्रेष्ठता की वकालत की। वाराइच ने कहा, ”भारतीय अल्पसंख्यकों जिनमें ईसाई और मुसलमान शामिल हैं उन्हें हिंदू कुलीन वर्गों के हाथों सार्वजनिक रूप से मार दिया जाता है, वहां एक अशांत हिंदू चरमपंथी योगी आदित्यनाथ जो हिंदुओं की श्रेष्ठता का खुलेआम समर्थन करता है, वह भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के चेहरे के तौर पर काम करता है।”
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिए बिना वाराइच ने कहा कि असम के कई बंगालियों को मनमाने ढंग से बेघर कर दिया गया है और उन्हें एक प्रमुख भारतीय नेता के द्वारा दीमक करार दिया गया है। वाराइच ने कहा कि वहां चर्च और मस्जिदों को आग लगा दी जाती है, यह होते हुए भारत दूसरों को उपदेश नहीं दे सकता है। वाराइच का जवाब संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की राजदूत एनम गंभीर के द्वारा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के आरोंपों के जवाब के बाद आया। पाक विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था कि पाकिस्तान के पेशावर में 2014 में एक स्कूल पर हमला करने वाले आतंकवादियों को भारत का समर्थन मिला हुआ था।
भारतीय राजनयिक एनम गंभीर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुरैशी के भाषण पर जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए कहा था, “मैं पाकिस्तान की नई सरकार को याद दिलाना चाहती हूं कि 2014 में बेकसूर स्कूली बच्चों के नरसंहार के बाद भारत में किस हद तक गम और दर्द की लहर फैल गई थी।” आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये की पोल खोलते हुए गंभीर ने कुरैशी के दावे को तथ्यों पर चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था, “क्या पाकिस्तान इस सच्चाई से इनकार कर सकता है कि वह संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद प्रतिबंध 1267 और 1988 प्रावधान के तहत आतंकी सूची में शामिल 132 आतंकियों और 22 आतंकी संगठनों को अब तक पनाह दिए हुए है?” उन्होंने कुरैशी को चुनौती दी थी, “क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है और वहां चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करता है?”

