महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद से लगातार सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं। शिवसेना के बाद एनसीपी भी दो खेमों में बंट चुकी है। इसके बाद बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को और मजबूती मिली है तो वहीं महाविकास अघाड़ी (MVA) के बाद कांग्रेस अकेली ही दिखाई दे रही है। अब बीजेपी सूत्रों ने दावा किया है कि कांग्रेस के कई नेता भी उनके संपर्क में हैं। उनकी ओर से कथित डील रखी गई है जिसे लेकर बातचीत जारी है। जल्द ही कांग्रेस के कई नेता भी सरकार में शामिल हो सकते हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने दावा किया कि कांग्रेस और अन्य दलों के नेता ट्रांजिट में दिलचस्पी रखते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि कई कई अन्य पार्टियों के लोग भी खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि पार्टी के नेता स्वार्थी हैं जो देश के विकास में बाधा डालते हैं। कई प्रधानमंत्री को नहीं चाहते हैं। इसलिए वह बीजेपी में आना चाहते हैं। शिवसेना और एनसीपी के बाद अब कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने कुनबे को बचाने की है। पार्टी सभी विधायकों पर नजर रख रही है।
महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष को लेकर कवायद तेज
महाराष्ट्र में विपक्ष का नेता कौन होगा, इसे लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष को लेकर मंथन किया जा रहा है। महाराष्ट्र की मौजूदा स्थिति की बात करें तो एनसीपी के 53 विधायकों में अजित पवार के साथ 37 विधायक होने की स्थिति में ही दलबदल से बचा जा सकता है। अगर इसे कम विधायक हुए तो उनका निलंबन हो सकता है। अजित पवार के अलावा 8 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि आज होने वाली बैठक में दोनों गुटों के पास कितने विधायकों का साथ है इसे लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है।
शरद पवार ने चुनाव आयोग में दाखिल की कैविएट
एनसीपी में टूट का मामला चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। शरद पवार की ओर से चुनाव आयोग में कैविएट दाखिल की गई है। शरद पवार ने चुनाव आयोग से कहा कि इस मामले में किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए। शिवसेना की तरह एनसीपी में टूट को लेकर भी चुनाव आयोग फैसला ले सकता है। इसके पहले दोनों दोनों पक्षों की ओर से संख्याबल को लेकर दावे किए जा रहे हैं।